शराबबंदी पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा-खुलेआम इस कानून का हो रहा दुरपयोग, फंसाये जा रहे लोग

पटना हाई कोर्ट ने दो टूक कहा है कि बिहार में श-राबबंदी कानून का दुरूपयोग हो रहा है। न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की अदालत ने कहा कि महाात्मा गांधी की तरह कोई बदलाव लाना तो अच्छी बात है, लेकिन कानून की स/जा इतनी बड़ी नहीं होनी चाहिए।

श/राबी से जब्त बो/तल की हो एफएसएल जांच : हाईकोर्ट ने उत्पाद विभाग के अफसरों को निर्देश दिया है कि श/राब पीए व्यक्ति से यदि कोई बो/तल जब्त होती है, तो उसकी एफएसएल जांच कराई जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि जो लोग श/राब पीते धराए, क्या उनकी बोतलें जांची गईं? जस्टिस एके उपाध्याय की एकल पीठ ने श/राब पीने के आरोप में गिरफ्तार 40 आ/रोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को यह निर्देश दिया। कई आ/रोपियों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें फिजूल में फंसा दिया। कोर्ट ने सरकार से इस बारे में भी जवाब मांगा कि जिन लोगों को अबतक श/राब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, उनके पास से मिली श/राब की बोतलों की एफएसएल जांच हुई है या नहीं?

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जिस बोतल के आधार पर किसी को पकड़ा जाता है, उस बो/तल की भी फोरेंसिक जांच होनी चाहिए कि उसमें क्या था? कोर्ट ने इन सभी मामलों को एक महीने तक मुल्तवी किया। कोर्ट ने उत्पाद विभाग से पूछा कि जिन आरोपियों की जमानत पर सुनवाई हो रही है, उनमें से कितनों से मिली बोतलों की जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला में हुई है? मामले की अगली सुनवाई एक महीने बाद होगी।

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