लाॅकडाउन के दौरान मुम्बई में फंसा बिहार का ट्रक ड्राइवर, कई दिनों तक रहा भूखा, अब चला रहा लंगर

लॉकडाउन में मुंबई में भूख से हुए परेशान तो गृह जिले में चलवाया लंगर, रोज डेढ़ सौ लोगों को दिया जा रहा है मुफ्त भोजन
NALANDA : यह कहानी उस ट्रक चालक की है, जो खुद लॉकडाउन के दौरान मुंबई में कई दिनों तक भूखा सोया। उसे ख्याल आया कि पूरे देश में यही स्थिति होगी, कुछ किया जाए। उसने अपने गृह जिला नालंदा में भूखों और लाचार लोगों की सेवा का मन बनाया। भतीजे को फोन किया और बिहारशरीफ में पहाड़ी के पास मामू-भगिना मोड़ पर लंगर चालू करा दिया।

ट्रक ड्राइवर वीरेंद्र कुमार हरनौत के वाजितपुर गांव के निवासी हैं। वे मुंबई से कोलकाता के बीच ट्रक चलाते हैं। जब लॉकडाउन की घोषणा की गई, उस समय वीरेन्द्र मुंबई में थे। वहां कभी भूखे तो कभी बिस्कुट खाकर सोए। अभी वहीं हैं। वीरेंद्र ने भतीजे गोपाल के बैंक खाते में मुंबई से रकम भेजकर लंगर चालू कराया। उनका भतीजा गोपाल कुमार बीटेक का छात्र है। उसने अपने मित्रों राहुल कुमार, किशु कुमार, अभिजीत कुमार, निकेश कुमार एवं राजदीप कुमार से चाचा की इच्छानुसार लंगर शुरू करने पर चर्चा की। सभी इस सेवा के लिए सहर्ष तैयार हो गए। गोपाल बीडीओ से मिले और स्वीकृति ली।

एसपी को भी सूचित कर दिया। मंगलवार से जरूरतमंदों को भोजन कराना शुरू कर दिया। मामू भगिना मोड़ पर एक झोपड़ीनुमा होटल है, जो लॉकडाउन के कारण बंद है। उसमें ये युवक खाना बना रहे हैं और ट्रक चालकों व दूसरे प्रदेश से आ रहे मजदूरों को भोजन करा रहे हैं। जो रुककर खाना नहीं खाना चाहते, उन्हें पार्सल दे रहे। दिन में चावल, दाल एवं सब्जी तथा रात में पूरी- सब्जी खिलाई जाती है।

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