बिहार में 5000 पदों पर प्रोफेसरों की होगी बहाली, 11 विश्वविद्यालयाें ने भेजी रिक्तियां

Patna: लगातार 7 माह से राजभवन और शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद भी केएसडीएस और मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय ने सहायक प्रोफेसर की रिक्ति नहीं दी. वहीं 11 विश्वविद्यालयों ने रिक्ति भेज दी है. इन विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर के 4492 रिक्त पद बताए गए हैं.

शिक्षा विभाग ने रेशनेलाइजेशन के आधार पर विषयवार रिक्ति मांगी है. इसके लिए विश्वविद्यालयों को 17 अप्रैल तक का समय दिया गया है. शिक्षा विभाग ने मंगलवार को सभी विश्वविद्यालयों के साथ रिक्ति मामले में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की. शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि अप्रैल के अंत तक विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए वैकेंसी आ जाए. विषयवार रिक्तियां मिलने के बाद शिक्षा विभाग समीक्षा करेगा.

इसके बाद शिक्षा विभाग नियुक्ति के लिए विवि सेवा आयोग को विषयवार रिक्ति भेज देगा. सरकार का लक्ष्य है कि विधानसभा चुनाव के पहले सभी विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर के रिक्त पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए. वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में मुख्यालय से विशेष सचिव सतीश चंद्र झा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी मौजूद थे.

अबतक जो रिक्ति विभाग को मिली है, इसमें सबसे अधिक बीआरए विवि में 1023 है. इसके बाद एलएन मिथिला विवि में 785 रिक्ति बतायी गई है. पाटलिपुत्र विवि में 455 रिक्ति है. वीर कुंवर सिंह विवि में 424, पूर्णिया विवि में 203, तिलकामांझी विवि भागलपुर में 249, जेपी विवि में 311, मुंगेर विवि में 236, बीएन मंडल विवि में 114 और पटना विवि 294 और मगध विवि में 398 रिक्ति भेजी है. पहले की रिक्ति और आवश्यकता के आधार पर सरकार मान रही थी कि लगभग 6500 सहायक प्रोफेसर के पद पर बहाली होगी, लेकिन 11 विश्वविद्यालयों से 4492 रिक्ति ही मिली. इस आधार पर लगभग 5 हजार पदों पर बहाली संभव है.

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