लॉकडाउन में फंसे दिल्ली के सात दोस्तों लिए फरिश्ता बने बिहारी, पढ़ें पूरी कहानी

Patna: कोरोना के कहर के बीच लॉकडाउन (Lockdown) में अन्य प्रदेशों से पलायन कर बिहार के अलग-अलग जिले में मजदूरों की पहुंचने की कई खबरें इन दिनों सुर्खियों में रही हैं लेकिन इन सब के बीच कटिहार (Katihar) जिला से एक ऐसी खबर आई है जिसने छोटे शहर के बड़े दिलवालों को दिखाने की कोशिश की है. दरअसल जिले के अलग-अलग विद्यालयों में घूम-घूम कर चित्रकला और आर्ट क्राफ्ट से जुड़े प्रशिक्षण देने वाले सात टीचरों की एक टोली जिसमें चंदर राई, मनोज, महेंद्र राई, महावीर प्रसाद, मनोज, प्रदीप चंद, उमेश चंद (सभी दिल्ली के बुराड़ी) हैं सभी कटिहार में लॉकडाउन के दौरान फंस गए थे.

नहीं सुझ रहा था कोई उपाय

स्टेशन से निकाल देने के बाद इन लोगों को कोई भी उपाय नहीं सुझा तो इन लोगों ने स्थानीय लोगों से गुहार लगाई. शिक्षकों की गुहार पर कटिहार श्याम बाबा मंदिर से जुड़े कमिटी के लोगों ने पहले इन लोगों की मेडिकल जांच करवाते हुए कागज बनाया फिर जब रिपोर्ट में सब कुछ ठीक-ठाक आया तो इन लोगों को आरगारा चौक स्थित श्याम बाबा मंदिर में रखा गया.

खाना से लेकर रहने तक की मिली सुविधा

बड़ी बात यह है कि इन लोगों के लिए भोजन, पानी से लेकर तमाम सुविधाओं की व्यवस्था कटिहार के युवाओं ने ही की है. अब दिलवालों के शहर दिल्ली से आने वाले ये शिक्षक कहते हैं कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरा देश दिलवालों का ही है. इस छोटे से शहर में जो लोगों ने उन लोगों के लिए मदद के लिए आगे आए हैं वाकई हमलोग इनके कर्जदार हैं और इसे जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे. श्याम मंदिर में रहने वाले सात शिक्षकों की टोली में से एक शिक्षक चंदर राई कहते है कि लॉकडाउन में फंसने के बावजूद श्याम बाबा के शरण में घर से दूर घर जैसी सुविधा मिली है. मानो ऊपर वाले ने उन लोगों के लिए फरिश्ता भेज दिया है. सच मे दिल्ली अगर दिलवालों की है तो बिहार बड़े दिलवालों की है।

क्या कहते हैं सेवा देने के लिए तत्पर रहने वाले लोग

सेवा में तत्पर रहने वाले अमित जायसवाल कहते है कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एक देश एक परिवार है. भारत के नागरिक होने के कारण हर किसी को अपने देश के साथ-साथ अलग देशों के नागरिकों को भी ऐसे हालात में मदद करना है. यही हमारा सेवा धर्म है. भुवन अग्रवाल कहते हैं कि दिल्ली में किस कारण से मजदूरों को यू मजबूर होना पड़ा सरकार क्यों नही व्यवस्था कर पाई ये तो सरकार ही जाने मगर यहां बगैर किसी सरकार की मदद के बिहार वाले अपने दम पर किसी भी तरह से दिल्ली वालों को कोई दिक्कत नही होने देंगे.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *