आज रात लगेगा साल का पहला चंद्रग्रहण, इन मंत्रों के जप से दूर कर सकते हैं रोग और दोष

Chandra Grahan 2020 Mantras: चंद्र ग्रहण के दौरान इन मंत्रों के जप से दूर कर सकते हैं रोग और दोष

इस साल का पहला ग्रहण चंद्रग्रहण 10 जनवरी यानी शुक्रवार को लगने वाला है। हालांकि यह पूर्ण चंद्रग्रहण नहीं बल्कि उपछाया ग्रहण बताया जा रहा है। जिसका प्रभाव न के बराबर माना जा रहा है। ज्‍योतिषियों की मानें तो इस बार चंद्रग्रहण में सूतक नहीं लगेंगे और इस वजह से मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं होंगे और पूजापाठ के कार्य भी बंद नहीं किए जाएंगे। मगर शास्‍त्रों में चंद्रग्रहण के दौरान कुछ विशेष मंत्रों के जप की बात कही गई है। हम आपको बता रहे हैं चंद्रग्रहण के बाद कुछ विशेष उपाय और मंत्रों के बारे में जो आपके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकते हैं…

चंद्रग्रहण का लाभ उठाएं : चंद्रग्रहण का लाभ वे लोग उठा सकते हैं जो ज्यादातर बीमार रहते हैं या जिनका रोग ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा है। यदि किसी व्यक्ति को गंभीर रोग ने जकड़ रखा है अथवा कोई लाइलाज रोग से ग्रस्त है तब उन्हें इस चंद्रग्रहण का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। हो सकता है कि प्रभु की इच्छा से व्यक्ति स्वस्थ हो जाए और लाइलाज अथवा गंभीर रोग से मुक्ति मिल जाए। इसके लिए आप यह उपाय आजमा सकते हैं।

चंद्रग्रहण की रात में ग्रहण के समय एक कांसे अथवा चांदी की कटोरी लें। एक चांदी का सिक्का और गाय का शुद्ध घी भी उपाय के लिए साथ रखें। इनके अलावा कटोरी के नीचे रखने के लिए कुछ काले तिल आपको लेने होंगे।

ग्रहण के दौरान करें ऐसा : ग्रहण के समय चांदी अथवा कांसे की कटोरी में गाय का शुद्ध घी भरें फिर उस घी की कटोरी में चांदी का एक सिक्का मंत्र बोलकर डालें। फिर घी के पात्र में रोगी को अपना मुख देखते हुए छाया पात्र मंत्र पढ़ना चाहिए। ग्रहण की समाप्ति होने पर अगले दिन सुबह घी की कटोरी के साथ फल, वस्त्र तथा दक्षिणा किसी ब्राह्मण को दान कर दें।

छायापात्र मंत्र : 1- ओम आज्यं सुराणामाहारमाज्यं पापहरं परम्। आज्यमध्ये मुखं दृष्ट्वा सर्वपापै: प्रमुच्यते।। 2- घृतं नाशयते व्याधिं घृतंच हरते रुजम्। घृतं तेजोधिकरंणं घृतमायु: प्रवर्द्धते।।

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