बिहार के दरभंगा में NRC को लेकर ब’वाल, बिरौल में सर्वे करने आये 17 लोगों को बनाया बंधक

बिहार में एनआरसी की सर्वे टीम समझ 17 लोगों को बनाया बंधक
रभंगा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे लोगों ने जमालपुर थाना क्षेत्र के झगरुआ गांव में शुक्रवार को लखनऊ से सामाजिक सर्वे करने आई 17 सदस्यीय टीम को बंधक बना लिया गया। लोगों को आशंका थी कि टीम एनआरसी का सर्वे करने आई है। टीम में चार महिलाएं भी शामिल थीं।

हालांकि, घटना की सूचना के बाद बिरौल एसडीपीओ दिलीप कुमार झा जमालपुर थाना प्रभारी के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने जांच-पड़ताल कर सर्वे टीम के सदस्यों को भीड़ से मुक्त कराया। सर्वे टीम के सदस्यों ने बताया कि वे लखनऊ की मोर्सेल कंपनी के लिए सर्वे करते हैं। अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के लिए शोध कर रहे एक प्रोफेसर के असाइनमेंट पर सामाजिक सर्वे करने झगरुआ गांव पहुंचे थे। लेकिन, पहले से सशंकित लोगों ने उन्हें एनआरसी-सीएए का सर्वेयर समझ कर बंधक बना लिया। गौरतलब है कि गत 17 जनवरी को लहेरियासराय थाना क्षेत्र के उर्दू मोहल्ला में भी कुछ इस तरह की घटना हुई थी।

सामाजिक सर्वेक्षण करने आई टीम को लोगों ने काफी देर तक बंधक बनाए रखा। बाद में पुलिस ने मुक्त कराया था। रविवार को एसएसपी बाबूराम ने बताया कि ग्रामीणों ने गलत मंशा से सर्वे करने की आशंका में टीम के सदस्यों को बंधक बना लिया था। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर उनके कागजात की जांच की और पूछताछ के बाद सही पाया। पुलिस ने मध्यस्थता कर सर्वे टीम को ग्रामीणों से मुक्त कराया।

बता दें कि जिले में 16 से लेकर 23 जनवरी के बीच तीन ऐसी बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत के बाद सर्वे और जांच टीमों को भीड़ से बचाकर निकालना पड़ा है. जिसमें पहली घटना 16 जनवरी की है. जब गुड़गांव की एक चुनावी सर्वे कंपनी के कर्मियों के साथ लहेरियासराय में लोगों ने दुर्व्यवहार किया. एनआरसी का सर्वे किए जाने की आशंका में सैकड़ों लोगों ने टीम को घेर कर बंधक बना लिया. बाद में पुलिस ने उन्हें कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला।

महिलाओं को भी बनाया गया बंधक : दूसरी घटना 20 जनवरी की है जब केवटी की छतवन पंचायत की हैं. जहां सरकारी योजनाओं का सोशल ऑडिट करने पटना से आई महिलाओं की टीम को लोगों ने घेर लिया. ग्रामीणों ने उन्हें पांच घंटों तक बंधक बनाए रखा. बाद में कई थानों की टीम, बीडीओ-सीओ और एसडीओ वहां पहुंचे. इसके बाद मामले को शांत कर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला. इस घटना के बाद सोशल ऑडिट की पूरी टीम इतनी डर गई कि बगैर काम पूरा किए ही पटना लौट गई।

पुलिस ने टीम को भीड़ से मुक्त कराया : तीसरी घटना 23 जनवरी की है. जब जमालपुर थाना क्षेत्र के झगरुआ गांव में लखनऊ की एक एजेंसी की 17 सदस्यीय टीम सामाजिक सर्वे करने पहुंची. जहां ग्रामीणों ने उन्हें घेर कर बंधक बना लिया. ये टीम अमेरिका के येल विश्वविद्यालय के लिए एक शोध पर काम कर रही थी. इस टीम में चार महिलाएं भी थी. बाद में बिरौल एसडीपीओ पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचे और सर्वे टीम को भीड़ से मुक्त कराया।

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