CAA-NRC विरोध के लिए आ’तंकवादियों की ओर से लोगों को दिए जा रहे हैं पैसे, ईडी ने किया बड़ा खुलासा

उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुई हिं/सा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नाम के संगठन का हाथ होने के सबूत मिले हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिंसा और पीएफआई के बैंक अकाउंट्स में जमा हुई रकम की तारीखों का मिलान करने के बाद यह जानकारी हासिल की। सोमवार को यह जानकारी एक नोट के जरिए गृह मंत्रालय को भेज दी गई। उत्तर त्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुई हिं/सा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नाम के संगठन का हाथ होने के सबूत मिले हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिंसा और पीएफआई के बैंक अकाउंट्स में जमा हुई रकम की तारीखों का मिलान करने के बाद यह जानकारी हासिल की। सोमवार को यह जानकारी एक नोट के जरिए गृह मंत्रालय को भेज दी गई।

पिछले महीने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में बड़े पैमाने पर हिं/सा हुई थी। इसमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। ईडी सूत्रों के मुताबिक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में पीएफआई के बैंक अकाउंट्स की पड़ताल के बाद हिं/सा के लिए धन का इस्तेमाल करने की जानकारी मिली थी। कई अकाउंट्स में हिं/सा की तारीख को ही बड़ा लेन-देन मिला।

UP MEY PATRAARON KO KIYA BAND

इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र को भेजी गई रिपोर्ट में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में हिं/सा के लिए पीएफआई को जिम्मेदार बताया था। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के लिए पीएफआई सीधे तौर पर जिम्मेदार है। उन्होंने कहा था कि हिं/सा में शामिल होने के सबूत मिलने के बाद संगठन के कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। सिंह ने गृह मंत्रालय को चिठ्ठी लिखकर पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी।

दिसंबर के महीने में सीएए के विरोध में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में उग्र प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान 18 लोगों की जान गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। वहीं, सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ और आगजनी भी की गई। उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जहां भी सार्वजनिक संपत्ति को प्र/दर्शनकारियों ने क्ष/ति पहुंचायी, उसकी भरपाई वीडियो फुटेज तथा अन्य पुष्ट प्रमाणों के आधार पर चिन्हित किए जा रहे लोगों की संपत्तियों को जब्त करके की जाए।

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