बुरा मत मानिए, हम आपको घर में नहीं आने देंगे, क्योंकि जंग को’रोना से है आपसे नहीं

हम आपके नहीं को/रोनाके खिलाफ
मधुबनी|अाप बुरा मानो या भला। लेकिन हम आपको अपने घर में नहीं आने देंगे। हम आपसे नहीं, का/ेरोना से जंग लड़ रहे हैं। इसमें थोड़ी सी लापरवाही हमें आपसे या आपको हमसे इतना दूर कर देगी कि फिर कभी मुलाकात नहीं हो पाएगी। इसलिए बुरा मानो या भला हम आपको अंदर नहीं आने देंगे। वार्ड नंबर-03 निवासी नवीन कुमार झा अपने घर के सामने रंगोली बनाकर लाेगाें काे सावधान कर रहे हैं। वायरस की रोकथाम के लिए जागरूकता का संदेश दे रहे हैं।

मधुबनी जिले में वर्तमान में होम क्वारेंटाइन में 8272 लोगों को रखा गया है। मालूम हो कि को/रोनाका सं/क्रमण रोकने के लिए जिले में अब तक 24 लोगों का सैंपल भेजा गया जिसमें 12 लोगों का सैंपल जांच नेगेटिव आया है और 12 लोगों का अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जिले भर में 1 सप्ताह में गांव आने वाले सभी प्रवासियों की पहचान कर उनकी स्क्रीनिंग कराई जा रही सं/दिग्ध के सैंपल लेने के लिए सदर अस्पताल लाया जाता है, जहां से जांच के लिए पटना भेजे जाते हैं। मालूम हो कि ये सभी डाटा एक अप्रैल देर शाम की है।

सिविल सर्जन डॉ. किशोर चन्द्र चौधरी ने कहा कि को/रोनासंक्रमण से बचने के लिए अति आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकले। नहीं तो दो या तीसरे दिन जरूरत के हिसाब से बाहर निकले, किसी व्यक्ति से आप 1 मीटर की दूरी पर ही बात करें या मिले, साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को पूरी अच्छे तरीके से धोएं या 70% अल्कोहल आधारित हाथ सैनिटाइजर को हाथ ऊपर रगड़ कर साफ करना चाहिए। जब को/रोनावायरस से सं/क्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं। इन कणों में को/रोनावायरस के वि/षाणु होते हैं। संक्रमित व्यक्ति के नजदीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर अनजान वस किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं, और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो वहीं कण दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में पहुंचता है। इससे वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है।

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