लाॅकडाउन में मजदूरों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, मोदी सरकार को नोटिस किया जारी

लाॅकडाउन के बीच पैदल चल रहे हजारों मजदूर…कोरोना से बड़ी समस्या बन रही है डर और दहशत : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में साेमवार को उन हजारों प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठा, जो लॉकडाउन के बीच साधन न होने से भूखे-प्यासे पैदल ही घर लाैट रहे हैं। चीफ जस्टिस एसए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ ने इन्हें राहत दिए जाने की मांग से जुुड़ी याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की। चीफ जस्टिस ने कहा, मौजूदा समय में लोगों के बीच डर और दहशत कोरोनावायरस से बड़ी समस्या बन रहा है।

केंद्र सरकार इस मामले में बताए कि उसने इन लोगों के लिए क्या व्यवस्था की है। इस बारे में अपना जवाब एक दिन में दायर करे। कोर्ट अब मंगलवार दोपहर 12:15 बजे मामले की सुनवाई करेगा। जनहित याचिका में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा है कि कोरोना के इस संकट में सबसे बड़े पीड़ित अपंजीकृत प्रवासी मजदूर हैं।

ये देश के अलग-अलग शहरों में रिक्शा चालक, कारखाना मजदूर, घरेलू नौकर के रूप में काम करते हैं। उनके पास संसाधन या इतने पैसे नहीं हैं कि वे लॉकडाउन के 21 दिन गुजार सकें। केंद्र ने 1.7 लाख करोड़ रु. का पैकेज घोषित किया है, लेकिन सफर में फंसे होने से इन मजदूरों को उसका लाभ नहीं मिल पाएगा।

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