लालू नेतृत्व पर बरसे जीतन राम मांझी, कहा-महागठबंधन में सिर्फ RJD की नहीं चलेगी

Patna: राजद ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है. इसको लेकर महागठबंधन में शामिल दूसरे दलों में अबतक सहमति नहीं बन पाई है. पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट कहा कि महागठबंधन में सिर्फ राजद की नहीं चलेगी. बिना कोऑर्डिनेशन कमेटी के कोई काम नहीं होगा. अगर राजद इसके लिए तैयार नहीं है तो हम वृहद महागठबंधन बनाने की दिशा में काम करेंगे.

लालू ने खुदगर्जी में मेरे बेटे को बनाया एमएलसी

राजद का कहना है कि हमने जीतन राम मांझी के बेटे को एमएलसी बनाया. इस सवाल पर मांझी ने कहा कि तेजस्वी को पता नहीं है. यह बात लालू यादव को पता है कि वे कितने उतावले थे. अररिया और जहानाबाद में लोकसभा का उपचुनाव था. लालू ने दस बार मुझे फोन किया और कहा था कि भाईजी मेरे साथ आईए. मैंने नहीं कहा था कि मेरे बेटे को एमएलसी बना दीजिए. लालू खुशामद में पहले ही बोलते थे कि जीतन राम के बेटे को एमएलसी बना देंगे. उन्होंने मेरे बेटे को खुदगर्जी में टिकट दिया. राजद को इसका लाभ भी मिला. लोकसभा क्षेत्र अररिया का नरपतगंज और सिकटी विधानसभा क्षेत्र यादव बहुल है वहां पर सरफराज हार गया था. हमारे विधानसभा क्षेत्र (रानीगंज और अररिया) में मिले वोट से उसे जीत मिली.

सहयोगियों को विश्वास में लेकर चले राजद

मांझी ने कहा कि महागठबंधन में पांच पार्टी शामिल है. अब इसमें एक पार्टी या एक आदमी की नहीं चलेगी. राजद को अपने चार सहयोगियों को विश्वास में लेकर चलना चाहिए. मैं अक्टूबर 2019 से कह रहा हूं कि महागठबंधन में कोऑर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए. मैंने पहले दिसंबर और बाद में फरवरी तक का समय दिया था. मार्च के बाद अप्रैल, मई, जून और जुलाई चुनाव की तैयारी का समय है. अगर हम पहले यह तय न कर पाएं कि कौन पार्टी कहां से चुनाव लड़ेगी तो फिर हार का सामना करना पड़ेगा. लोकसभा चुनाव के समय नोटिफिकेशन के बाद तय हुआ कि दो सीट इसको और चार सीट उसको दे दो. कोई तैयारी नहीं हुई, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा.

बिना कोऑर्डिनेशन कमेटी के एक कदम भी साथ नहीं चलेंगे

मांझी ने कहा कि 30 मार्च तक कोऑर्डिनेशन कमेटी की बात नहीं मानी जाती है तो जीतन राम मांझी महागठबंधन में रहने को तैयार नहीं होगा. बिना कोऑर्डिनेशन कमेटी के हम एक कदम भी साथ चलने को तैयार नहीं हैं. मैं रालोसपा, वीआईपी और कांग्रेस के नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं कि वे भी कोऑर्डिनेशन कमेटी की बात करते हैं. पांच पार्टी में से चार कोऑर्डिनेशन कमेटी चाहती है तो फिर एक के न चाहने का क्या औचित्य है?

करेंगे वृहद महागठबंधन की कल्पना

पूर्व सीएम ने कहा कि अगर 30 मार्च तक कोऑर्डिनेशन कमेटी नहीं बनती है तो हमलोग वृहद महागठबंधन की कल्पना करेंगे. लालू प्रसाद सीपीआई को साथ नहीं रखना चाहते हैं. हमारा यहां मतभेद है. सीपीआई मजदूर और गरीब की पार्टी है. उसे साथ रखना चाहिए. पप्पू यादव का भी अपना महत्व है. राजद को पप्पू भी मंजूर नहीं है. अगर परिस्थिति बदलती है तो हम चार और वे दो जुड़ेंगे तो छह हो जाएंगे. कोरोना खत्म होने के बाद मैं दिल्ली जाऊंगा और बहन मायवती से बात करूंगा. माले और अन्य वामपंथी पार्टियों से बात करेंगे और वृहद महागठबंधन बनाने की कोशिश करेंगे.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *