निर्भया कां’ड में चारों गुनहगारों को फां/सी पर लटकाने के लिए पवन ज-ल्लाद तैयार

चारों गुनहगारों को फां/सी पर लटकाने के लिए पवन ज/ल्लाद तैयार!

मेरठ. निर्भया (Nirbhaya) के गु/नाहगारों की फां/सी की तारीख मंगलवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने मुकर्रर कर दी. कोर्ट ने दो/षियों के खिलाफ डे/थ वारंट जारी करते हुए सभी 22 जनवरी सुबह 7 बजे फां/सी पर ल/टकाने का आदेश दिया. फां/सी की तारीख तय होने के बाद एक बार फिर मेरठ (Meerut) का पवन ज/ल्लाद चर्चा में है. दरअसल पिछले साल दिसंबर में तिहाड़ जे/ल प्रशासन की तरफ से यूपी डीजी जे/ल को एक पत्र भेजा गया था. उस पत्र में एक ज/ल्लाद मुहैया कराने की गुजारिश की गई थी. इस पत्र के जवाब में यूपी डीजी जे/ल ने कहा था कि उनके पास दो जल्लाद हैं एक मेरठ में और दूसरा लखनऊ में. जब भी जरुरत पड़ेगी एक ज/ल्लाद कुछ ही घंटों में मेरठ पहुंच जाएगा.

डीजी जे/ल आनंद कुमार ने तिहाड़ जे/ल प्रशासन की तरफ से पत्र मिलने की पुष्टि की थी. उन्होंने बताया कि तिहाड़ जे/ल प्रशासन की तरफ से कुछ मृ/त्युदं/ड पाए अभियुक्तों को फां/सी पर चढ़ाए जाने के लिए ज/ल्लादकी मांग की गई थी. डीजी जेल ने तिहाड़ जे/ल अधीक्षक को दिए अपने जवाब में कहा है कि जब भी चाहेंगें 5 घंटे के अंदर ज/ल्लाद तिहाड़ पहुंच जाएगा. इस संबंध में मेरठ जे/ल अधीक्षक को सूचित कर दिया गया है.  अब जब फां/सी की तारीख तय हो गई है तो ऐसे कहा जा रहा है कि मेरठ का पवन ज/ल्लाद ही निर्भया के गुनाहगारों को सू/ली पर ल/टकाएगा.

पवन ज/ल्लाद मेरठ का रहने वाला है. कई पीढ़ियों से वो इसी शहर में रह रहा है. हालांकि इस शहर में उसे शायद ही कोई पहचानता हो. पार्ट टाइम में वो इस शहर में साइकिल पर कपड़ा बेचने का का काम करता है. करीब दो तीन साल पहले जब निठारी ह/त्याकांड के दोषी ठहराए सुरेंद्र कोली को फां/सी दी जाने वाली थी, वो उसके लिए पवन को ही मुकर्रर किया गया था. बाद में वो फां/सी टल गई.

भारत में इस समय इक्का-दुक्का अधिकृत ज/ल्लाद ही बचे हैं, जो ये काम कर रहे हैं. पवन इस समय करीब 56 साल के हैं. फां/सी देने के काम को वो महज एक पेशे के तौर पर देखते हैं. उनका कहना है कि कोई व्यक्ति न्यायपालिका से दं/डित हुआ होगा और उसने वैसा काम किया होगा, तभी उसे फां/सी की स/जा दी जा रही होगी, लिहाजा वो केवल अपने पेशे को ईमानदारी से निभाने का काम करता है.

निचली अदालत ने 13 सितंबर, 2013 को चारों दो/षियों अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश को फांसी की स/जा सुनाई थी. चारों की स/जा कन्फर्म करने के लिए मामले को हाई कोर्ट को रेफर किया था. हाई कोर्ट ने 13 मार्च 2014 को चारों दो/षियों की अपील भी खारिज कर दी थी. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी और वहां भी दोषियों की अपील खारिज हो गई थी.

इस बीच ट्रायल के दौरान मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जे/ल में आ/त्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य नाबालिग 3 साल बाल सुधार गृह में रहने के बाद छूट चुका है.

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