निर्भया मामले में दो’षी अक्षय की दूसरी दया याचिका खारिज, कोर्ट के बाहर बेहोश हुई पत्नी
Patna: दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि निर्भया सा’मूहिक बला’त्कार और ह’त्या मामले में कानूनी राहत पाने के लिए चारों दो’षियों की किसी भी अदालत में कोई याचिका लंबित नहीं है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दो’षी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किये बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गयी थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है.
20 मार्च को चारों दो’षियों को दी जानी है फांसी
मामले के चारों दो’षियों में से तीन दो’षियों ने उनकी मौ’त की सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था. दोषियों ने कहा था उनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है. गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने 32 वर्षीय मुकेश सिंह, 25 वर्षीय पवन गुप्ता, 26 वर्षीय विनय शर्मा और 31 वर्षीय अक्षय कुमार सिंह को फां’सी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था. चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जायेगी.
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मामले की सुनवाई के दौरान दो’षियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि अक्षय की पत्नी ने बिहार की एक अदालत में तलाक की अर्जी दायर की है, जो अभी लंबित है. इस पर विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि कोई अन्य याचिका मौजूदा मामले के कानूनी उपाय के दायरे में नहीं आती है. इसके बाद निर्भया मामले के दो’षी अक्षय सिंह की पत्नी पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर ही बेहोश हो गयी. पुनीता का कहना है कि तलाक इसलिए लेना चाहती हूं कि मेरे पति निर्दोष हैं. पति के निर्दोष होते हुए भी फां’सी की सजा दी जा रही है. ऐसे में मैं विधवा के रूप में जीना नहीं चाहती. इसीलिए तलाक ले रही हूं.
पुनीता को मिला शाम चार बजे पति अक्षय ठाकुर से मिलने का समय
निर्भया ह’त्याकां’ड मामले में दो’षी करार दिये गये अक्षय ठाकुर से मिलने के लिए उसकी पत्नी पुनीता देवी अपने देवर विनय कुमार और पुत्र के साथ दिल्ली पहुंच गयी है. पुनीता के अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि जे’ल प्रशासन की ओर से पुनीता को चार बजे पति अक्षय ठाकुर से मिलने के लिए समय दिया गया है. वह पति से मुलाकात करेगी.
पुनीता की तलाक याचिका पर 24 मार्च को होगी सुनवाई
बिहार में औरंगाबाद की एक अदालत ने निर्भया सा’मूहिक दु’ष्कर्म मामले के दो’षियों में से एक की पत्नी की याचिका पर सुनवाई 24 मार्च तक गुरुवार को टाल दी. याचिका में यह कहते हुए तलाक मांगा गया है कि वह ”एक ब’लात्कारी की विधवा” नहीं कहलाना चाहती. अक्षय सिंह से आखिरी बार मिलने के लिए उसकी पत्नी पुनीता देवी बुधवार को ही दिल्ली रवाना हो गयी थी. इस कारण वह पारिवारिक अदालत में उपस्थित नहीं हो सकी. इसके बाद अदालत ने सुनवाई 24 मार्च तक के लिए टाल दी. अक्षय सिंह को शुक्रवार की सुबह फां’सी देना तय है. अदालत ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए कहा कि मामले में सुनवाई के लिए याचिकाकर्ता का शारीरिक रूप से मौजूद रहना आवश्यक है. पुनीता देवी कहती रही है कि उसका पति ‘निर्दोष’ है और तलाक याचिका से अटकलें लगायी जा रही हैं कि यह मौ’त की सजा में देरी करने की ‘चाल’ है. अक्षय सिंह बिहार के औरंगाबाद जिले में लहानकर्मा गांव का रहनेवाला है.