CM नीतीश ने किया प्रमोशन में आरक्षण हटाने का विरोध, सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिहार सरकार

सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिहार सरकार, कहा-प्रोन्नति में आरक्षण पर रोक हटाएं
पटनाबिहार सरकार ने प्रोन्नति में आरक्षण देने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की। इसमें सुप्रीम कोर्ट के 15 अप्रैल 2019 के उस आदेश को वापस लेने का आग्रह है, जिसके तहत बिहार सरकार द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण देने पर पहले से लगाई गई रोक को कोर्ट ने यथावत रखने का आदेश दिया था।

सरकार ने बताया है कि जब से प्रोन्नति में आरक्षण पर रोक लगी है, तब से राज्य सरकार किसी भी कर्मी को प्रोन्नति नहीं दे पा रही है। इससे प्रशासनिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इस रोक को वापस ले। सरकार की अर्जी के अनुसार प्रोन्नति प्रक्रिया के ठहरने के कारण दोनों प्रकार की प्रोन्नति, यानी सामान्य एवं आरक्षित, रुकी पड़ी है। कुल 44 महकमों में से 26 में 21 हजार 275 पद खाली पड़े हैं, जिसे प्रोन्नति से भरना है। इनमें 17109 सामान्य वर्गों के लिए हैं, तो 3957 पद एससी व 209 पद एसटी वर्गों के हैं।

विपक्ष का अाराेप- अारक्षण बचाने में सरकार नाकाम सरकार बाेली- हमारी कोई भूमिका नहीं, कांग्रेस दोषी : प्रमाेशन में अारक्षण पर सुप्रीम काेर्ट के फैसले पर साेमवार काे विपक्ष ने संसद में सरकार काे घेरा। विपक्ष ने कहा कि सरकार अारक्षण प्रणाली बचाने में नाकाम रही। वहीं, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अाधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलाेत ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2012 में उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने ही वंचिताें के अधिकार छीनने वाला यह फैसला लिया था।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *