उतर गया CM नीतीश का सेक्युलर मुखौटा, JDU ने एक बार फिर मारी पलटी, CAB का किया समर्थन

Manish Shandilya : धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाले नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) का समर्थन कर नीतीश कुमार की पार्टी ने अब यह साफ कर दिया है कि साम्प्रदायिक पार्टियों के साथ सालों से गलबहियां करते-करते वह भी अब साम्प्रदायिक पार्टी बन चुकी है। खैर यह होना ही था क्योंकि जिस साम्प्रदायिक राजनीति को देश में स्थापित करने में जदयू ने हाल के दशकों में सबसे मजबूत सहारा दिया है उस राजनीति में रंगने से खुद को बचा पाना अब उसके लिए मुमकिन नहीं है।

दिलचस्प है कि नीतीश की पार्टी ने एक बार फिर पलटी मारी है और इस तरह अपना ट्रैक रिकॉर्ड और बेहतर किया है। जदयू ने पहले कहा था कि वह (सीएबी) के विरोध में है। यह तो समझ आता है कि मुसलमानों के प्रति घोर नफरत ने कुछ दलों को अंधा बना रखा है लेकिन ऐसे दलों की सोहबत में रहने वाले बस सत्ता के लिए ऐसा कर रहे हैं या उनकी कोई बहुत कमज़ोर इस पकड़ ली गई, यह शायद समय के साथ सामने आए।

प्रशांत किशोर ने कर दी जदयू से बगावत : जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर फिर चर्चा में हैं। दरअसल, इस बार उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ ही बयान दे डाला है। प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद से बिहार की सियासत में खलबली मची हुई है। बात कुछ ऐसी है कि नागरिकता संशोधन विधेयक यानी सीएबी को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया। इसके बाद सदन में बिल पर चर्चा शुरू हुई। इस बिल का लोकसभा में एनडीए की सहयोगी पार्टी जनता दल युनाइटेड ने समर्थन किया है।

यहीं से पूरे बवाल की शुरूआत हुई है। बिल के पेश होने के बाद से जेडीयू में सबकुछ ठीक है ऐसा लग नहीं रहा है और इस बात को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के ट्वीट से बल मिला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि वह इस बिल पर पार्टी के समर्थन को देखकर निराश हैं।

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