कन्हैया कुमार पर अनुपम खेर ने साधा निशाना, कहा- आजादी मांग कर देश का अपमान मत करो
’25-25 साल एक संस्थान में बैठ कर…’, अनुपम खेर ने ‘आजादी’ मांगने वालों को दिया करारा जवाब
Anupam Kher: जामिया में गूंजे ‘आजादी’ वाले नारे पर बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने भी रिएक्ट किया है। अनुपम ने सीएए और एनआरसी पर वीडियो के जरिए विरोधियों पर कटाक्ष करने के बाद अब आजादी मांगने वालों पर भी निशाना साधा है। अनुपम खेर ने इस बीच अपने बालों का उदाहरण देते हुए बताया कि आजादी मांगने वालों का हाल कैसा है और वह आजादी मांगते हुए कैसे दिख रहे हैं। अनुपम खेर ने आजादी मांगने वालों से कहा कि- ‘आप 25 -25 सालों से एक ही संस्थान में बैठे हैं और कह रहे है कि आजादी चाहिए।’

अनुपम खेर ने वीडियो को कैप्शन देते हुए लिखा है- ‘आज़ाद..भारत में अगर हमें किसी भी चीज़ से आज़ादी चाहिए तो उसके लिए हमें काम करना चाहिए, मेहनत करनी चाहिए। जो कि देश के करोड़ों युवा कर रहे हैं। अलग अलग फ़ील्डस में। देश को प्रगति की ओर ले जाने के लिए। नारों से जो आज़ादी प्राप्त करना चाहते हैं उनका देश के प्रति सिवाय नारों के और क्या योगदान है? बात को समझाने के लिए पेश है मेरे ख़ुद के बालों से आज़ादी का उदहारण!!’
अनुपम वीडियो में कहते दिख रहे हैं- ‘दोस्तों मुझे एक बात समझ में नहीं आती है, आती है मगर आपसे डिसकस करना चाहता हूं कि क्लैरिटी हो जाए। तो ये लोग जो आजादी मांग रहे हैं आखिर ये कहना क्या चाहते हैं? क्योंकि देश तो हमारा 1947 15 अगस्त को स्वतंत्र हो गया था, आजाद हो गया था और उसके लिए हमने बहुत मेहनत की थी।हमारे पूर्वजों ने बहुत मेहनत और काम किया था। नेताओं ने सेनानियोंने बहुत योगदान दिया खून बहाया तब जाकर आजादी मिली। सिर्फ नारे लगाने से ही नहीं मिली। अब जो ये नारे लग रहे हैं वह क्या है। हम क्या चाहते आदाजी, मनोवाद से आजादी, अरे भुखमरी से आजादी, अरे पूंजीपति से आजादी, अरे पूंजीपती सेआजादी, वांपंथी से.. अऱे नहीं नहीं…ये तो आजादी मांग रहे हैं।’

‘ऐसी आजादी आपको चाहिए तो आपको काम करना पड़ेगा। खाली नारों से कुछ नहीं होगा। देश में भुखमरी है तो इसपर काम कीजिए ताकि देश की भुखमरी मिटे। आजादी मिले। आपको जातिपाति से आजादी चाहिए तो इसपर काम करिए, बहुत सारे लोगों ने इसपर काम किया था। आप चाहते है नारे लगाने से सबकुछ हो जाए। 22 सालों तक एक ही संस्थान में बैठे रहें काम न करें और कहें कि आजादी मिल जाए तो ऐसा नहीं होता।’