कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत! अभी NPA नहीं होगा आपका बैंक लोन, कल मोरेटोरियम पर सुनवाई करेगा SC

कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत! अभी NPA नहीं होगा आपका बैंक लोन, कल मोरेटोरियम पर सुनवाई करेगा SC

नई दिल्‍ली. कोरोना संकट के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक कर्जधारकों को राहत देते हुए लोन मोरेटोरियम (Moratorium) सुविधा शुरू की. इसके तहत ग्राहकों को 31 अगस्‍त तक ईएमआई (EMI) चुकाने से राहत दे दी गई. अब ये सुविधा खत्‍म हो चुकी है. लॉकडाउन के दौरान लाखों लोगों की नौकरी चली (Job Loss) गई तो करोड़ों का रोजगार ठप हो गया. वहीं, कंपनियां वेतन कटौती (Salary Cut) भी कर रही हैं.

इससे काफी लोग अभी भी ईएमआई भरने की स्थिति में नहीं हैं. मोरेटोरियम सुविधा खत्‍म होने के बाद लोगों के पास बैंकों से ईएमआई चुकाने के लिए मैसेज, फोन कॉल्‍स और ई-मेल्‍स आने शुरू हो गए हैं. इससे लोगों को अपने बैंक लोन अकाउंट को नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित किए जाने का डर सता रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ग्राहकों को अंतरिम राहत दी है.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक अंतरिम आदेश में कहा है कि अगर कोई बैंक लोन अकाउंट (Loan Account) अगस्‍त 2020 तक एनपीए घोषित नहीं किया गया है तो उसे दो महीने और छूट दी जाए. अप्रत्‍यक्ष तौर पर माना जा सकता है कि लोन मोरेटोरियम की सुविधा अक्‍टूबर तक के लिए बढ़ गई है.

हालांकि, इसके तहत सिर्फ इतना होगा कि बैंक फिलहाल आपका लोन एनपीए घोषित नहीं कर सकते हैं. लेकिन, आपको किस्‍त भरने के लिए फोन कॉल्‍स, मैसेज या ई-मेल्‍स आने जारी रह सकते हैं. वहीं, लेट पेमेंट फीस (Late Payment Fees) या ब्‍याज पर ब्‍याज वसूले जाने को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट मोरेटोरियम समेत इन तमाम मुद्दों पर कल यानी 10 सितंबर को सुनवाई करेगा.

शीर्ष अदालत के बैंक लोन अकाउंट को अगले दो महीने तक एनपीए घोषित नहीं किए जाने के आदेश से कर्जधारकों (Borrowers) को बड़ी राहत मिली है. दरअसल, अगर किसी व्‍यक्ति के लोन को एनपीए घोषित कर दिया जाता है तो उसकी सिबिल रेटिंग (CIBIL Rating) खराब हो जाती है. इससे उसे भविष्‍य में किसी बैंक से लोन लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

वहीं, अगर लोन मिल जाता है तो उसे अच्‍छी सिबिल रेटिंग वाले व्‍यक्ति के मुकाबले ज्‍यादा ब्‍याज दर (Interest Rate) चुकाना पड़ सकता है, क्‍योंकि अब बैंक इसी आधार पर ब्याज दरें भी तय कर रहे हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्रेडिट कार्ड, होम लोन, व्हीकल लोन, होम लोन की किस्‍त मोरेटोरियम खत्‍म होने के दो महीने बाद तक नहीं चुकाने पर भी बैंक उसे NPA घोषित नहीं करेंगे. हालांकि, डिफॉल्ट पर जुर्माना या ब्याज वसूल सकते हैं.

लोन मोरेटोरियम पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा था कि मोरेटोरियम को दो साल तक बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि कोरोना संकट के बीच आरबीआई ने 27 मार्च को एक सर्कुलर जारी कर कर्जधारकों को तीन महीने के लिए किस्‍तों का भुगतान नहीं करने की छूट दी थी. इसके बाद 22 मई को इस छूट को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ाने की घोषणा कर दी गई. बता दें कि रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक,

अगर किसी लोन की किस्त 90 दिन तक नहीं चुकाई जाती तो उसे एनपीए मान लिया जाता है. कुछ फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस के मामले में यह अवधि 120 दिन होती है. आसान शब्‍दों में समझें तो अगर किसी लोन की ईएमआई तीन महीने तक नहीं भरी जाती है तो बैंक उसे फंसा हुआ कर्ज मान लेते हैं.

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