प्रशांत भूषण का खुलासा: BJP-RSS समर्थित था अन्ना का आंदोलन और इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के संस्थापक सदस्य रहे वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने दावा किया है कि कांग्रेस सरकार में अन्ना हजारे (Anna Hazare) के आंदोलन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने समर्थन दिया था. उन्होंने कहा कि इंडिया अंगेस्ट करप्शन मूवमेंट (IAC) की शुरुआत बीजेपी आरएसएस ने की थी ताकि यूपीए सरकार को गिराया जा सके. भूषण मूवमेंट को कोर मेंबर्स में से एक थे. इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में भूषण ने कहा- ‘दो चीजों का मुझे खेद है. यह कोई नहीं देख रहा है कि आंदोलन कांग्रेस सरकार को गिराने और खुद को सत्ता में लाने के लिए भाजपा-आरएसएस द्वारा समर्थित था.’

भूषण ने कहा कि ‘मुझे आज इस (आरएसएस-भाजपा की भूमिका) पर कोई संदेह नहीं है. वह (अन्ना हजारे) भी शायद इसके बारे में नहीं जानते थे, अरविंद इसके बारे में जानते थे, मुझे इस कम संदेह है. दूसरा अफसोस है कि मुझे अरविंद का चरित्र पहले से समझ में नहीं आया. मुझे यह देर में समझ आया कि हमने एक और राजनीतिक राक्षस पैदा कर दिया.’

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बता दें साल 2015 में प्रशांत भूषण और फिलहाल स्वराज नाम का संगठन चला रहे योगेंद्र यादव को आम आदमी पार्टी से निकाल दिया गया था. भूषण ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए RSS और बीजेपी का साथ दिया था. :

क्या था अन्ना आंदोलन में खास?
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल के संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन और अन्ना ने साथ मिलकर 5 अप्रैल 2011 को जंतर-मंतर से भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की शुरुआत की थी. रामलीला मैदान पहुंचने से पहले ही इसकी कोर कमिटी में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, किरण बेदी, संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और कुमार विश्वास जैसे नाम शामिल थे.

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तिहाड़ से निकलकर जब 18 अगस्त 2011 को अन्ना रामलीला मैदान पहुंचे थे तो काफी कुछ पहले से ही उनके पक्ष में था. जंतर मंतर पर पांच दिन हुआ अनशन सफल था और सरकार के आगे आकर बातचीत करने से लोगों में ये मैसेज चला गया था कि सरकार को भी बातचीत के लिए मजबूर किया जा सकता है.

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