यह बात समझ लीजिए: रिया की गिरफ्तारी महज एक चुनावी स्टंट है जो देश को अन्य मुख्य मुद्दों से भटका रहा है

रिया अरेस्ट हो गयी है। जब देश ने तय कर लिया था कि रिया के खिलाफ कार्रवाई करनी है तो उसे अरेस्ट होना ही था। फिर याद रखें, रिया की गिरफ्तारी का सुशांत केस से कोई मतलब नहीं है।

आपको बताने की कोशिश होगी कि सुशांत के इंसाफ की बात कर रहे हैं लेकिन अगर आपको इससे वास्तव में मतलब है तो सवाल सीबीआई से पूछते रहेंगे कि वहां क्या है केस की प्रगति।

अब तक सुशांत केस में कुछ नहीं मिला है। लेकिन लोगों को इससे कोई मतलब नहीं था।

खैर जब रिया अरेस्ट हो ही गयी तो कम से कम अब गैर जरूरी मुद्दों की ओर लौट सकते हैं

-सीमा पर हालात विस्फोटक हो चुका है। चीन और पाकिस्तान दोनों पोजिशन ले रहा है

-अमेरिका और ब्राजील को मिलाकर उतने केस एक दिन में नहीं आ रहे हं जितने अकेले केस भारत में आ रहे। पूरे विश्व का 40 फीसदी नया केस भारत से आ रहा है। अब मरने वालों की संख्या भी बढ़ने लगी है

-सिर्फ 50 दिनों में सरकार के अनुसार 2 करोड़ नौकरियां जा चुकी है

  • फिच ने कहा है कि इस साल भारत माइनस दस के निगेटिव ग्राेथ जोन में रहेगा

अौर अंत में फिर कह रहा हूं –

इतिहास में यह बात दर्ज होगी कि जब भारत अब तक की सबसे बड़ी महामारी,महामंदी,महाबेरोजगारी झेल रही थी,पूरी देश की एजेंसी,मीडिया,सोशल मीडिया एक लड़की को सरेआम बिना ट्रायल के बुली किया जा रहा था। इतिहास में यह दर्ज होगा।

~ Narendra Nath Mishra सर की वॉल से

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