रेलवे ने 560 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, कहा- नहीं है अब इनकी जरूरत

इंडियन रेलवे की कैटरिंग और पर्यटन का काम देखने वाले आईआरसीटीसी (IRCTC) ने 500 से अधिक सुपरवाइजरों (आतिथ्य पर्यवेक्षकों) की सेवाओं को रद्द करने का फैसला किया है. ये सभी कर्मचारी संविदा पर काम कर रहे थे. IRCTC ने कहा, ‘मौजूदा परिस्थितियों में इनकी आवश्यकता नहीं रह गई है.’

IRCTC (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) ने 2018 में लगभग 560 सुपरवाइजरों को रेलगाड़ियों में ठेकेदारों द्वारा परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए नियुक्त किया था. इन सुपरवाइजरों का काम ट्रेनों के खानपान वाले कोच के संचालन की निगरानी करना था.

इसके तहत उन्हें भोजन की तैयारी की देखरेख, गुणवत्ता की जांच, यात्रियों की शिकायतों का समाधान करना और यह सुनिश्चित करना था कि खाने के लिए तय कीमत से अधिक धन न लिया जाए. IRCTC ने 25 जून को एक पत्र के जरिए अपने सभी आंचलिक कार्यालयों को इस बारे में सूचित किया कि वर्तमान परिस्थितियों में इन कर्मचारियों की कोई जरूरत नहीं है. ऐसे में इन्हें एक महीने का नोटिस देकर इनका कांट्रैक्ट समाप्त कर दिए जाएंगे.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक IRCTC के प्रवक्ता ने संपर्क करने पर घटनाक्रम की पुष्टि की, लेकिन संकेत दिया कि संगठन इस फैसले पर दोबारा विचार कर रहा है. आईआरसीटीसी के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने सोमवार को पीटीआई को बताया, ‘हम मामले पर पुनर्विचार कर रहे हैं. हम विचार कर रहे हैं कि क्या इस निर्णय पर पुनर्विचार हो सकता है. इस संबंध में कुछ कदम उठाए जाएंगे.’

इस बीच इन निलंबित कर्मचारियों ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है और इस संबंध में सोशल मीडिया के जरिए उन तक अपनी बात पहुंचाई है.

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