लालू यादव के समधी चंद्रिका राय समेत 3 नेताओं ने थामा JDU का दामन – Daily India

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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सूबे की राजनीतिक पार्टियों में दल-बदल जोरों पर है. इसी क्रम में गुरुवार को आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के समधी और आरजेडी नेता चंद्रिका राय और दो एमएलए फराज फातमी और जयवर्धन यादव जेडीयू में शामिल हो गए. जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र यादव ने तीनों को पार्टी सदस्यता प्रदान की. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इन नेताओं के जेडीयू में शामिल होने से यह समझा जा रहा है कि लालू यादव की एम-वाई समीकरण जिसके बदौलत उन्होंने बिहार में 15 साल तक राज किया वो अब टूटने लगी है.

बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र यादव ने गुरुवार को सदस्यता कार्यक्रम के दौरान कहा, ” जेडीयू में गरीब और उपेक्षित को जगह मिलती है।

आज इन तीनों का आना भौगोलिक दृष्टि से भी ठीक है. इसलिए इनका स्वागत करता हूं.” आरजेडी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “आज सामाजिक लोकहित की अवहेलना हो रही है. 2010 के चुनाव में आरजेडी अब्दुल बारी सिद्दीकी के नेतृत्व में 22 सीट पर सिमट कर रह गई थी.”

उन्होंने कहा, ” 90 के चुनाव में सबसे बड़ा दंगा भागलपुर में हुआ था. लेकिन आज किस गांव में विकास नहीं हुआ और किस यादव-मुस्लिम के घर बिजली या बच्चों को साइकिल नहीं मिला. बिहार में कृषि, रोड से लेकर हर क्षेत्र में विकास हुआ. नीतीश कुमार का एक ही नारा है न्याय के साथ विकास का.”

इधर, आरजेडी छोड़ जेडीयू में शामिल हुए चंद्रिका राय ने कहा, ” आज आरजेडी छोड़ जेडीयू ज्वाइन कर रहा हूं इसके लिए नीतीश कुमार के प्रति आस्था प्रकट करता हूं. इन्होंने 15 साल बिहार को नई पहचान देने का काम किया.” वहीं उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा, ” कोई व्यक्ति या बेटा पार्टी से ऊपर नहीं होता. वहां खेत खाए गदधा और मार खाये जोलहा वाला हाल है. वहां व्यवसायी की पूछ है, पुराने लोगों को इग्नोर किया जा रहा है. आरजेडी में मुंबई से आए व्यवसायी की पूछ होती है.”

पूर्व एमएलए जयवर्धन यादव ने कहा, ” 2014 और 19 के चुनाव में मेरे साथ ऐसा किया गया जैसे मेरा वहां कुछ है ही नहीं. नीतीश कुमार की ओर से किए गए काम मेरे लिए प्रेरणा हैं और उसी से प्रेरित होकर जेडीयू ज्वाइन कर रहा हूं.”

इधर, फराज फातमी ने कहा, ” नीतीश कुमार ने 15 सालों में जो भी काम किया वो काबिले तारीफ है. आज जेडीयू पूरे समाज को जोड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया. उन्होंने अल्पसंख्यक के लिए क्या नहीं किया. आज अल्पसंख्यक को एक हजार करोड़ का बजट मिल रहा है. बिजली हो, सड़क हो या कॉलेज हर जगह विकास हुआ है. आज आरजेडी पूंजीपतियों की पार्टी हो गई है. हमें बिना नोटिस दिए निकाला गया, इसलिए मैं आज जेडीयू ज्वाइन कर रहा हूं.”

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