अभी-अभी : झारखंड में BJP को ले डूबा CAB, जेएमएम +-22, बीजेपी-15 सीट पर आगे

रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव की 81 सीटों पर सोमवार को नतीजे आएंगे। इन नतीजों को लेकर सबकी नजर रघुवर कैबिनेट के 9 मंत्रियोंपर रहेगी। इनमें से एक मंत्री रामचंद्र सहिस गठबंधन की सहयोगी पार्टी आजसू के कोटे से थे। इस बार भाजपा-आजसू गठबंधन नहीं होने के कारण सहिस को भाजपा प्रत्याशी से टक्कर मिल रही है। वहीं भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर मंत्री सरयू राय बागी हो गए थे। वे जमशेदपुर पूर्वी सीट से मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। चुनाव के दौरान ही सरयू राय ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था। एक नजर-


जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास मैदान में हैं। उनका मुकाबला उनकी ही कैबिनेट में खाद्य आपूर्ति मंत्री रहे सरयू राय से है। भाजपा से टिकट कटने के बाद सरयू राय निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। 2014 में भी रघुवर दास ने इसी सीट से चुनाव लड़ा था। बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद रघुवर इस सीट पर लगातार 3 बार चुनाव जीत चुके हैं।


स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी इस बार भी भाजपा के टिकट पर बिश्रामपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में उन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। उनका मुकाबला कांग्रेस के चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई से होगा। 2005 विस चुनाव में रामचंद्र चंद्रवंशी ने इस सीट पर राजद के टिकट से चुनाव जीता था। 2009 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रशेखर दुबे से हार गए थे।


समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुइस मरांडी भाजपा के टिकट पर दुमका से चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से है। हेमंत को महागठबंधन ने सीएम कैंडीडेट घोषित किया है। 2014 में मरांडी ने हेमंत को हराया था। जबकि, 2009 के चुनाव में यहां हेमंत ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में मरांडी अगर जीतती है तो यह उनकी लगातार दूसरी जीत होगी।


श्रम मंत्री राज पालीवार इस बार भी भाजपा के टिकट पर मधुपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2005 और 2014 में दो बार वो भाजपा के टिकट पर विधायक बने हैं। जबकि, 2009 में इस सीट पर झामुमो ने जीत दर्ज की थी। झामुमो की ओर से हाजी हुसैन अंसारी के साथ उनका मुकाबला है।


इस सीट पर राज्य की शिक्षा मंत्री डॉ. नीरा यादव भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही है। 2014 में डॉ. नीरा यादव ने यहां से चुनाव जीता था। 2005 और 2009 के चुनाव में राजद के टिकट पर अन्नपूर्णा देवी ने यहां से जीत दर्ज की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद को छोड़ भाजपा में आई अन्नपूर्णा देवी यहां से सांसद हैं।


इस सीट से कृषि मंत्री रणधीर सिंह भाजपा के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। रणधीर सिंह ने 2009 के विस चुनाव में लोकतांत्रिक समता दल के टिकट पर यहां चुनाव लड़ा था पर वो हार गए थे। 2014 के चुनाव में झाविमो के टिकट पर जीत हासिल की थी, पर झाविमो को छोड़ कर 6 विधायकों के साथ भाजपा में चले गए थे।

चंदनकियारी: मंत्री अमर कुमार बाउरी की आजसू से टक्कर
पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी विधानसभा सीट पर भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। इन्होंने 2014 विधानसभा चुनाव झाविमो के टिकट से जीता था। जीतने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। यह सीट इसलिए भी ज्यादा चर्चा में हैं क्योंकि भाजपा-आजसू में टूट के कारणों में यह सीट भी शामिल है। भाजपा इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतारना चाहती थी। जबकि, आजसू ने भी चंदनकियारी सीट की मांग की थी। बात नहीं बनी और अब भाजपा के अमर कुमार बाउरी के खिलाफ आजसू के उमाकांत रजक चुनाव लड़ रहे हैं। झारखंड में अब तक हुए तीन विस चुनाव में कभी भी भाजपा यहां खाता नहीं खोल सकी है। जबकि, 2009 में आजसू प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी।

रांची: नगर विकास मंत्री सीपी सिंह का झामुमो से मुकाबला
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को इस बार भी भाजपा ने रांची विधानसभा सीट से टिकट दिया है। उनका मुकाबला झामुमो की महुआ माजी से होगा। 2005, 2009 और 2014 में यहां से सीपी सिंह ने लगातार जीत दर्ज की थी। 2014 के चुनाव में सीपी सिंह ने झामुमो प्रत्याशी महुआ माजी को 58 हजार 863 मतो से पराजित किया था।

खूंटी: ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा भी मैदान में
ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा इस बार भी खूंटी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी है। पिछले तीन विस चुनाव में नीलकंठ सिंह मुंडा यहां से विधायक चुने गए हैं। वहीं, झामुमो ने इस सीट से सुशील कुमार लॉग को अपना प्रत्याशी बनाया है।
जुगसलाई: मंत्री रामचंद्र सहिस का भाजपा से मुकाबला
राज्य सरकार के जल संसाधन व पेय जल मंत्री व आजसू नेता रामचंद्र सहिस ने इस सीट पर 2009 और 2014 पर जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा और आजसू गठबंधन के खत्म हो जाने के बाद यह सीट काफी महत्वपूर्ण हो गई है। इस सीट पर रामचंद्र सहिस के सामने भाजपा के मोतीराम बा

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