अमेरिकी सांसद में चीन के खिलाफ़ प्रस्ताव पारित, भारत को गलवान घाटी पर मिला समर्थन

भारत और चीन के साथ सीमा विवाद के बीच अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। जिसमें गलवान घाटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रमक्ता और दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित इलाके में चीन की बढ़ती तानाशाही पर निशाना साधा गया । भारतीय अमेरिकी सांसद एमी बेरा के साथ मिलकर कांग्रेस स्टीव शैबेट ने एनडीएए संशोधन सोमवार को पेश किया। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत और चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए।

इस संसोधन में भारत चीन सीमा पर गलवान घाटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता पर विरोध जताया गया है और चीन की बढ़ती क्षेत्रीय दबंगई के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है। इसमें कहा गया कि तीन ने कोरोना वायरस की तरफ ध्य़ान बंटा कर भारत के क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश के साथ ही दक्षिण चीन सागर में अपना दावा मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

इधर अमेरिका के रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध बेहद अहम है। उन्होंने कहा ,’मैं भारत के साथ बढ़े रक्षा सहयोग को रेखांकित करना चाहता हूं, जो 21 सदी के सभी महत्वपूर्ण रक्षा संबंधों में से एक है। हमने पिछले नवंबर में अपना पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था।

उन्होंने कहा वास्तविक नियंत्रण रेखा जो हो रहा है और भारत चीन के बीच स्थिति पर हम नजर बनाए हुए हैं। हम इस बात से खुश हैं कि दोनों पक्ष स्थितियों को सामान्य करने की दिशा में काम कर रहे हैं।”


बता दें भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई इलाकों में पांच मई से गतिरोध जारी है. गलवान घाटी में पिछले महीने हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति बिगड़ गई थी जिसमें 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।

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