आरके सिंह को हराना क्यों आवश्यक है?

आरके सिंह को हराना क्यों आवश्यक है?

आरके सिंह ने गृह सचिव रहते हुए प्रेस को बताया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आतंकी गतिविधियों में संलिप्त है. जिसका दस्तावेज़ हमारे पास मौजूद है.

पिछले पांच साल के दरमियान आरके सिंह मंत्री रहते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे बहुत ही बुनियादी मसलों पर कभी कुछ नहीं बोला है.

आरके सिंह ने आरा में जितने भी टेंडर निकलते हैं सबको कंबाइन किया. जिससे छोटे -छोटे ठिकेदार टेंडर न डाल सके. सिर्फ बड़े पूंजी वाले ही टेंडर डाले और एक मुश्त कमीशन दे सके. आरके सिंह इसका खूब फायदा उठाया.

आरके सिंह एक गैर लोकतांत्रिक व्यक्ति हैं. लोगों को उकसाते हैं कि कोई वोट मारने आये उसे जूता से मारिये और भगाइये. प्रेस से जूता से मारने और केस करने की भी बात करते हैं.

आरा में नगर निगम के सौजन्य से स्ट्रीट लाइट का विस्तारीकरण हुआ. जिसका विज्ञापन विभिन्न अखबारों में तो छपा ही था बल्कि विभिन्न चौक-चौराहों पर प्लैक्स के द्वारा सूचित किया गया था.

शाहपुर, बिहिया, जगदीशपुर, पिरो इलाकों में घूमिये. आरके सिंह का बोर्ड हाल ही में लगा हुआ है. जिसमें 22 फरवरी का कार्य आरम्भ का बोर्ड और 5 मार्च 2019 को कार्य संपन्न होने बोर्ड लगा हुआ है.

आरके सिंह ने विशेष ऊँची जाति को अपने साथ रखे और जिसके मार्फ़त यह झूठ फैलाया है.

छोटे-छोटे ठिकेदार जानते हैं कि आरके सिंह ने सिर्फ एक विशेष आर्थिक सहायता पहुचाया है.

आरके सिंह एक निर्मम और अमानवीय व्यक्ति है. कई बार समय-समय पर यह साबित हुआ. आरा में जब जब सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा तो उसे ख़त्म करने तथा शांति बहाली की कभी भी कोई प्रयास नहीं किया.

आरके सिंह एक विशेष सवर्ण जाति के प्रति नफ़रत और घृणा को छुपाने में नाकाम रहे. इन्होंने कभी लोकतांत्रिक जनप्रतिनिधि की तरह व्यवहार नहीं किया.

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