एक सेकंड में होगा दाखिल-खारिज, बिहार में जमीन रजिस्ट्री के समय हो जाएगा सारा काम

बिहार में अब जमीन का म्यूटेशन कराने के लिए घूस देने की जरूरत नहीं, रजिस्ट्री के साथ ही हो जायेगा आपका काम : बिहार में जमीन का म्यूटेशन कराने के लिए अब लोगों को घूस देने या फिर अंचल कार्यालय का चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए नीतीश सरकार एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. जमीन के म्यूटेशन के मामले में रिश्वतखोरी की शिकायतों से परेशान नीतीश सरकार ने इसका नया उपाय ढूंढ निकाला है.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर बिहार सरकार जमीन का म्यूटेशन कराने के लिए नई सुविधा बहाल करने जा रही है. लोगों को जो नै सुविधा मिलने जा रही है, उसके मुताबिक अब जमीन की रजिस्ट्री होते ही ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इतना ही नहीं जमीन के नए मालिक को सप्ताह के अंदर म्यूटेशन का कागज मिल जायेगा और उन्हें किसी भी तरह की कोई भी परेशानी नहीं होगी.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह के मुताबिक इस नई सुविधा को लेकर रजिस्ट्री कार्यालयों को अंचलों से जोड़ा जा रहा है. दरअसल हम आपको ये बता दें कि हाल ही में बिहार के मुख्या सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी. इस बैठक में अधिकारियों के सामने जमीन के म्यूटेशन में होने वाली परेशानियों के मामले को उठाया गया. राजस्व एवं भूमि सुधार और निबंधन विभाग की ओर से मुख्य सचिव को नई योजना की जानकारी दी गई, जिसपर अब अमल हो रहा है.

बिहार सरकार जो नई व्यवस्था बनाने जा रही है. उससे लोगों को काफी फ़ायदा होगा. निबंधन कार्यालय में जमीन की खरीद बिक्री का कोई दस्तावेज अंतिम तौर पर स्वीकृत होगा, उसकी प्रति अपने आप सीओ (अंचल अधिकारी) के लॉगिन में चली जाएगी. उसके बाद अंचल अधिकारी यानी कि सीओ तुरंत म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू कर देंगे. हालांकि ये भी जानकारी मिली है कि पुराने दस्तावेजों के म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया पहले की तरह जारी रहेगी.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने तय किया है कि जमीन का कोई भी दस्तावेज अब कर्मचारी या उनके कारिंदे की झोली में नहीं रहेगा. रजिस्टर टू को भी ऑनलाइन कर दिया गया है. फिर भी यह पूरी तरह दुरुस्त नहीं है. लिहाजा, दुरुपयोग की आशंका रहती है, इससे बचने के लिए तय हुआ है कि तत्काल सभी अंचलों में आलमीरा की खरीद हो. कर्मचारियों-कारिंदों के झोले से निकाल कर सभी दस्तावेज आलमीरा में रख दिए जाएं. अगर सुधार के लिए दस्तावेजों की जरूरत होगी तो उसे सीओ के आदेश से हासिल किया जाएगा.

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