कैबिनेट विस्तार को लेकर उलझन में BJP, शिवराज पर भारी पड़ी सिंधिया की जिद्द

मध्य प्रदेश में मंत्रिंंमंडल के विस्तार पर उलझन बरकरार है। सीएम शिवराज सिंह भोपाल लौट आए हैं लेकिन मंत्रियों के नाम फाइनल न हो सके। सूत्रों की मानें तो सिंधिया खेमें के विधायकों व बीजेपी के सीनियरविधायकों को लेकर तालमेल गड़बड़ा गया है। अब पार्टी इस बारे में विचार कर रही है कि कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़ा दी जाए। उपचुनाव के मद्देनजर चार से पांच पद खाली रखने की बजाय यह संख्या घटाकर एक-दो ही रखने की बात सामने आई है। हालांकि इस पर भी अंतिम निर्णय नहीं हुआ। इस बीच सभी सीनियर नेता भोपाल वापस लौट आए।

आपको बता दें कि मंगलवार को शिवराज मंत्रिंमंडल के विस्तार को लेकर दिल्ली में काफी लंबी चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान जिन विधायकों की सूची लेकर गए थो उन पर उलझन बरकरार है। इसकी बड़ी वजह कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। सूत्रों की माने तो सिंधिया ने अपने समर्थक 12 विधायकों को मंत्री बनाए जाने के लिए जो नाम आगे किए थे उनमें से एक भी कम करने के मूड में नहीं है और ऐसे में पार्टी के पुराने नेताओं की अनदेखी करके भी भाजपा कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहेगी।

वहीं बीजेपी की उलझन ये भी है कि पार्टी कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना, हरदीप डंग और रणवीर जाटव को भी पार्टी मंत्री बनाने का भरोसा दे चुकी है। ऐसा ही वादा निर्दलीय प्रदीप जायसवाल और बसपा के संजीव कुशवाह के साथ भी किया गया है। ऐसे में किसी एक को भी नजरअंदाज कर बीजेपी कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती। लिहाजा कैबिनेट का आकार और बढ़ सकता है। देर शाम को मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के बीच पार्टी दफ्तर में करीब एक घंटे तक बात हुई है।

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