योगी सरकार ने डॉक्टर के क्लीनिक पर चलाया बुल्डोजर, डॉक्टर ने मलबे पर बैठकर देखने शुरू किए मरीज

गोरखपुर के सुमेर सागर क्षेत्र में प्रशासन द्वारा क्लीनिक ढहाए जाने के बाद डॉ.आरएन सिंह ने मलबे पर ही कुर्सी रखकर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब डॉ. आरएन सिंह के समर्थन में आईएमए आगे आया है। डॉ. आरएन सिंह के क्लीनिक के ध्वस्तीकरण पर आईएमए ने सवाल उठाते हुए डीएम को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की है।

पत्र में आईएमए ने बताया कि डॉ आरएन सिंह के जिस क्लीनिक को ध्वस्त किया गया, उसे उन्होंने वर्ष 2002 में खरीदा था। रजिस्ट्री और खारिज दाखिल राजस्व विभाग की ओर से किया गया था।

उच्च न्यायायल में इसे लेकर एक वाद भी दाखिल है, जिसकी सुनवाई अगस्त माह में होनी है। इसके बावजूद इन तथ्यों को दरकिनार कर डॉ. आरएन सिंह की अनुपस्थिति में ताला तोड़कर, नोटिस दिए बिना ही ध्वस्तीकरण कर दिया गया।

आईएमए ने कहा है कि अगर निर्माण अवैध था, तो यह राजस्व विभाग में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है। आईएमए इसका विरोध करता है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ एससी कौशिक और सचिव डॉ राजेश गुप्ता ने बताया कि डॉ आरएन सिंह 45 वर्षों से चिकित्सा सेवा दे रहे हैं। मस्तिष्क ज्वर के खिलाफ उन्होंने बड़ी भूमिका भी निभाई। ऐसे में प्रशासन का उनके खिलाफ यह कार्रवाई उचित नहीं है।

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