गलवान घाटी के बाद गोगरा इलाके से भी पीछे हटी चीनी सेना, दोनों देशों में वार्ता संभव

चीनी सेना ने गुरुवार को गोगरा इलाके को भी खाली कर दिचया है। वहां से भी चीनी सेना 2 किलोमीटर पीछे हट गई है। गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स इलाके को वह पहले ही खाली कर चुकी थी। अब सारा ध्यान पैंगोंग से लेक इलाके पर है जहां चीनी सेना कम तो हुई है लेकिन अभी भी डटी हुई है। अगले हफ्ते सेना के विशेष अधिकारियों की बैठक के बाद उम्मीद है कि पैंगोंग में भी टकराव खत्म हो जाएगा। सेना के सूत्रों ने कहा कि गुरुवार शाम तक तीनों इलाके पूरी तरह खाली हो चुके थे। गोगरा से ढांचे भी चीनी सेना ने हटा लिए हैं। पैंगांग के फिगर इलाके में गतिरोध बना हुआ है पर चीनी सैनिकों की संख्या में फिंगर फोर क्षेत्र में भी कमी आई है।

जिन स्थानों में चीनी सेना हटी है, उनकी जांच हो रही है। सेना पड़ताल के बाद तय प्रक्रिया के तहत कुछ पीछे हटेगी। भारतीय सेना अपने ही क्षेत्र में हैं इसलिए उसे थोड़ा ही पीछे हटना और जवान कम करना है।

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के उद्देश्य से तौर-तरीके तैयार करने के लिए शुक्रवार को एक और दौर की राजनयिक वार्ता होने की संभावना के बीच, भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर चीन के दावे को एक बार फिर खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत वार्ता के जरिए मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त है और सीमा क्षेत्रों में अमन-चैन बनाए रखने की आवश्यकता को समझता है। इसके साथ ही भारत अपनी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

श्रीवास्तव ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एलएसी का कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों में यही शांति और स्थिरता का आधार है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ पिछले रविवार को बातचीत में गलवान घाटी सहित एलएसी पर हुए हालिया घटनाक्रमों को लेकर भारत के रुख से उन्हें स्पष्ट रूप से अवगत कराया था।

सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि डोभाल और वांग ने फोन पर बातचीत की थी, जिसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में टकराव बिंदुओं से बलों को पीछे हटाना शुरू कर दिया था। श्रीवास्तव ने कहा, ‘एनएसए ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय बलों ने सीमा प्रबंधन के मामले में हमेशा बहुत जिम्मेदाराना दृष्टिकोण अपनाया है और साथ ही, हमारे बल देश की सम्प्रभुता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद प्रतिबद्ध हैं।’

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