गिरिराज बोले- बच्चों को पढ़ाया जाय हनुमान चालीसा, PVT स्कूलों में बने मंदिर, गीता का हो पाठ

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बृहस्पतिवार को नया विवाद खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि मिशनरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में ‘संस्कार की कमी होती है और इसका परिणाम यह होता है जब वे विदेश पढ़ने जाने जाते हैं तो गोमांस खाने लगते हैं।’ अपने लोकसभा क्षेत्र में एक धार्मिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि इसके उपाय के तौर पर निजी स्कूलों में भगवद् गीता के ‘श्लोकों और हनुमान चालीसा की चौपाइयां पढ़ाई जानी चाहिए।’

सिंह ने कहा, ‘मैं यहां उपस्थित लोगों से कहना चाहता हूं कि इसकी शुरुआत निजी स्कूलों से होनी चाहिए क्योंकि सरकारी स्कूलों में अगर हमने ऐसा किया तो हम पर भगवा एजेंडे को लागू करने का आरोप लगेगा।’ भाषा के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि ऐसा देखा गया है कि मिशनरी द्वारा चलाए जाने वाले स्कूलों में अच्छे परिवार के बच्चे पढ़ाई के मामले में तो बेहतर करते हैं, उनका करियर सफल होता है लेकिन जब वे विदेश जाते हैं तो गोमांस खाने लगते हैं। ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने उन्हें संस्कार नहीं दिए।’

उन्होंने कहा, ‘हम पर प्राय: कट्टरवादी होने के आरोप लगते हैं। हमारी संस्कृति की यही उदारता है। हम लोग चींटियों को मीठा खिलाते हैं और सांप को दूध पिलाते हैं। यह अलग बात है कि कभी-कभी यही सांप हमें डराते हैं।’ सिंह अपनी व्यंग्यात्मक शैली के लिए भी मशहूर हैं।

केंद्रीय मंत्री ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में एक संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया और विवादित कानून के खिलाफ प्रदर्शन की तुलना पाकिस्तान प्रायोजित गजवा-ए-हिंद (भारत के खिलाफ धर्म के नाम पर युद्ध) से की।

उन्होंने कानून की आलोचना करने पर कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की कड़ी निंदा की। सिंह ने कहा कि हिम्मत है तो कांग्रेस बाहर आए और खुलकर दावा करे कि वह बांग्लादेश से सभी अवैध प्रवासियों और म्यामां से आए रोहिंग्याओं को नागरिकता देने का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि पार्टी का रुख सिर्फ वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है।

सिंह ने विपक्षी दलों की इस दलील का जिक्र किया कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून धर्म के आधार पर लोगों से भेदभाव है। केंद्रीय मंत्री ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के साथ हाल में हुई ”दुर्व्यवहार की घटना की निंदा की। 

उल्लेखनीय है कि केरल के राज्यपाल जब एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सीएए के पक्ष में बोल रहे थे तब वामपंथी इतिहासकार इरफान हबीब ने उनके साथ कथित धक्कामुक्की की थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘ये तमाम चीजें पाकिस्तान के गजवा-ए-हिंद का हिस्सा हैं जिनका मकसद भारत को कमजोर करना है। सीएए सिर्फ एक बहाना है। यह तो ‘कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाने का उदाहरण है।’

सिंह ने गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल न किए जाने पर तृणमूल कांग्रेस के हमले पर ममता बनर्जी की आलोचना की। तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने के कारण परेड में राज्य की झांकी को शामिल नहीं किया गया। सिंह ने कहा, ‘जब वह कहती हैं कि वह (बनर्जी) सीएए को स्वीकार नहीं करतीं तो इससे उनका मतलब क्या है? यह केंद्रीय कानून है जो देश के हर हिस्से पर लागू होता है।’

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