चीन को PM मोदी की चेतावनी, हम शांति के पुजारी हैं, उकसाने वालों को मजा चखाना जानते हैं

‘देश के जवान मारते-मारते मरे हैं, हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं होगा’

भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख के गलवान रिवर फ्रंट पर सोमवार रात हुई मुठभेड़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। पीएम ने कहा है कि हम कभी किसी को उकसाते नहीं। पीएम मोदी बोले- हम अपने देश की संप्रभुता और अखंडता के साथ समझौता नहीं करते। जब भी समय आया है तब हमने अपनी क्षमताओं को साबित किया है। त्याग हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं। मैं देश को भरोसा दिलाता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए भारत की संप्रभुता और अखंडता सर्वोच्च है। इस बारे में किसी को जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए। भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है और हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं।

गौरतलब है कि जहां भारत की तरफ से 20 सैनिकों की शहादत की बात की पुष्टि की गई है, वहीं चीन के भी 43 जवानों के हताहत होने की खबर है। इस बीच गलवान घाटी में ही भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता शुरू हो गई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, सीमा पर उठे विवाद को लेकर दोनों देश मिलिट्री स्तर पर वार्ता जारी रख रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने चीन से तनाव पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बताया गया है कि सभी दलों के नेता 19 जून को शाम 5 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम से बात करेंगे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पीएम 21 जून को राष्ट्र को संबोधित भी कर सकते हैं।

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार लद्दाख में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते रहे हैं। आज भी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने बुधवार को ट्वीट कर पूछा कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री इस मामले में चुप हैं? आखिर क्यों वे छिप रहे हैं? अब बहुत हो गया। हमें पता होना चाहिए कि आखिर क्या हो रहा है। चीन की हिम्मत कैसे हुई कि उसने हमारे सैनिकों को मारा, उनकी हिम्मत कैसे हुई हमारी जमीन लेने की।

गौरतलब है कि भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार देर रात लद्दाख के गलवान रिवर फ्रंट पर मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक कर्नल समेत 20 जवानों की मौत की खबर सामने आई है। विदेश मंत्रालय ने इसके बाद बयान जारी कर कहा था कि 15 जून की देर शाम और रात को यथा-स्थिति में परिवर्तन करने के चीन की ओर से किए गए एक-तरफा प्रयास के चलते हिंसक झड़प हुई। पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन राजनयिक और सैन्य स्तर पर चर्चा कर रहे हैं।

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