चुनावी दंगल का डिजिटल अखाड़ा तैयार, पार्टियां आजमाएंगी वर्चुअल दांव, सभी कर रहे रियाज

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PATNA : कोरोनाकाल में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनावी दंगल में कई प्रयोग सिद्ध होने जा रहे। सबसे बड़ा प्रयोग चुनावी प्रचार-प्रसार का है जो व्यापक तौर डिजिटल अखाड़े में और वर्चुलअ मोड में शिफ्ट कर गया है। कम से कम पार्टियों की तैयारी यही बता रही। लिहाजा हेलीकाप्टरों की उड़ान, जनसभा, रैली, रोड शो, डोर-टू-डोर प्रचार का पुराना तरीका शायद ही इस चुनाव में दिखे। चुनाव आयोग की गाइडलाइन इनकी मनाही तो नहीं करती लेकिन शक्ति प्रदर्शन के मौके नामांकन से लेकर तमाम मोर्चे पर लगी बंदिशों के आगे प्रचार का पुराना दांव दरकिनार मान लिया गया है। पार्टियां डिजिटल प्लेटफार्म पर शिफ्ट कर गई हैं। चुनाव के मुहाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोमवार को होने वाली वर्चुअल रैली से इसका आगाज हो रहा है, वैसे जदयू सहित सभी पार्टियां डिजिटल रियाज पहले से कर रहीं हैं। आने वाले दिनों में पार्टियों के पहलवान ज्यादातर इसी मोर्चे पर ताल ठोंकते दिखेंगे। जदयू का बहुआयामी डिजिटल प्लेटफॉर्म jdulive.com है। इससे वर्चुअल रैली, छोटी-बड़ी सार्वजनिक व कोर ग्रुप की मीटिंग होनी है। पार्टी ने सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए वाट्सएप ग्रुप बहुत पहले से बना रखे हैं। पिछले 16 हफ्ते फेसबुक लाइव हर रविवार को। नाम ‘संडे संवाद।’ ह्वाट्सएप पर हर बुधवार ‘बिहार के नाम, नीतीश के काम’ न्यूज लेटर।

भाजपा ने 10 हजार डिजिटल वर्कर तैनात किए हैं। 9547 शक्ति केंद्रों पर कम से कम एक आईटी वर्कर है। बूथ स्तरीय 72 हजार वाट्सएप ग्रुप काम कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में 25 हजार और शहरी क्षेत्रों में 75 हजार से 1 लाख लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। 200-200 का वाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम ग्रुप बनाने का लक्ष्य है। प्रदेश राजद कार्यालय में एक बार में कम से कम 10 लाख लोगों को वर्चुअल तौर पर जोड़ने की व्यवस्था है। तेजस्वी के कार्यालय (10 सर्कुलर रोड) में भी एक छोटा अलग वॉर रुम काम कर रहा है जहां प्रदेश कार्यालय से भेजे गए डाटा की रोज स्क्रूटिनी की जा रही है। फेसबुक लाईव की व्यवस्था की जा रही है। वाट्सएप ग्रुप से भी निर्देश दिया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम के मुख्य हॉल में मंच तैयार है। यहीं से नेता वर्चुअल मोड में नेता लोगों को संबोधित करेंगे। डिजिटल सदस्यता अभियान और सोशल मीडिया के सफल संचालन का काम सगुना मोड़ स्थित एक किराए के मकान से किया जा रहा है, जिसे सीधे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी देख रही है।

भाकपा माले के एक लाख सक्रिय कार्यकर्ता हैं। टोला,गांव, पंचायत, प्रखंड, जिला से लेकर राज्य स्तर तक 50 हजार वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। हर ग्रुप में 10 से 100 तक लोग हैं। पार्टी फेसबुक पर भी लोगों से जुड़ी है जहां पार्टी की नीति और कार्यक्रमों की जानकारी दी जाती है। विभिन्न एप के माध्यम से जुड़कर भी पार्टी नेताओं की बैठक होती है। जीतनराम मांझी के सरकारी आवास में दिल्ली और पटना के आईटी प्रोफेशनल्स की मदद से वॉर रूम बन रहा है। मांझी ने वर्चुअल सभाएं भी शुरू कर दी हैं। वर्चुअल सभा में शामिल होने के लिए प्रखंड अध्यक्षों को ट्राइपॉड दिए गए हैं। यू-ट्यूब पर पार्टी का चैनल भी बनाया जा रहा है। वीआईपी में आईटी सपोर्ट और सोशल मीडिया हैंडलिंग के लिए 50 आईटी प्रोफेशनल की टीम दिन-रात काम कर रही है। पंचायत स्तर के कार्यकर्ताओं को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में 20 से अधिक ग्रुप बनाए गए हैं।

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