चुनाव में हारने वाले सभी JDU विधायकों का आरोप, BJP ने हमारी पीठ में छूरा घोंपा, इसलिए हम हार गए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने नेता, कार्यकर्ताओं को चुनाव परिणाम भूलकर जनता और संगठन का काम बहुत मजबूती से करने को कहा है। जदयू राज्य परिषद की बैठक के पहले दिन विधानसभा चुनाव हारे, जदयू के कई नेताओं ने भाजपा को सीधे निशाने पर लिया। कहा-हमारी हार के लिए लोजपा नहीं, भाजपा जिम्मेदार है। लोजपा की क्या औकात कि वह धोखा दे सके। सारा खेल भाजपा का था। हमारी पीठ में छुरा घोंपा गया। खासकर जयकुमार सिंह, बोगो सिंह, ललन पासवान खासे नाराज दिखे। नीतीश ने सभी से कहा कि वे चुनावी नतीजों को भूल, अपने क्षेत्र की सेवा उसी तरह करें, जैसा चुनाव जीतकर करते। बोले-’सरकार पूरे पांच साल चलेगी।’ उनका कहना था कि सीट बंटवारे में हुई देरी की खासी कीमत हमें चुकानी पड़ी। हमारे खिलाफ ‘फॉल्स प्रोपेगेंडा’ फैलाया गया। हम जमीनी स्तर तक अपनी बात, अपने काम-उपलब्धि बहुत ठीक से नहीं पहुंचा पाए। मैं शुरू से इस पर जोर दिए हुए था। मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, दबाव में बना। बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा।

रामसेवक बन सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष
रामसेवक सिंह, जदयू के नए प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं। रविवार को उनके नाम पर मुहर लग सकती है। वे कुशवाहा समाज से आते हैं। ऐसा हुआ, तो यह पार्टी द्वारा लवकुश समीकरण को साधने की बड़ी कवायद होगी। वे पिछली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे। इस बार हथुआ से चुनाव हार गए। अभी वशिष्ठ नारायण सिंह अध्यक्ष हैं। स्वास्थ्य कारणों से इतने सक्रिय नहीं हैं, जितनी दरकार है।

पूरी ईमानदारी से निभाया गठबंधन धर्म
राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि विस चुनाव के नतीजे संतोषजनक नहीं रहे, लेकिन जदयू पहले भी नंबर वन पार्टी थी और आगे भी रहेगी। इस चुनाव ने हमारे लिए कई सकारात्मक संदेश भी दिए। सच तो यह है कि चुनाव में हमारे नेता की साख और विश्वसनीयता की जीत हुई है। हमारी पार्टी में संगठन का जैसा काम हुआ, वैसा किसी नहीं हुआ। हमने गठबंधन धर्म पूरी ईमानदारी से निभाया।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *