जल-नल योजना में पानी बंद हुआ तो मुखिया-वार्ड मेंबर की खैर नहीं, CM नीतीश का आदेश जारी

मुखिया और वार्ड सदस्य पर नीतीश सरकार की नजर टेढ़ी, पेयजल आपूर्ति रुकी तो एक्शन होगा: नीतीश सरकार की महत्वकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल की खामियां दूर करने के लिए अब पंचायती राज विभाग सख्त हो गया है. पंचायती राज विभाग सुनिश्चित करने में जुटा हुआ है कि ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए सरकार अब पेयजल आपूर्ति बाधित होने पर मुखिया और वार्ड सदस्य के ऊपर एक्शन लेगी.

पंचायती राज विभाग में इस बाबत पर राज्य के सभी जिले के डीएम को एक पत्र जारी किया है. इसमें घर घर नल का जल योजना की समीक्षा करने दोषी मुखिया और वार्ड सदस्य पर कार्यवाही की अनुशंसा भेजने का निर्देश दिया गया है. इस योजना का प्रिया निबंध मुखिया और वार्ड द्वारा बनाई गई प्रबंधन समिति के माध्यम से कराया जा रहा है. अब सरकार ने तय कर लिया है कि जहां कहीं भी नल जल योजना में गड़बड़ी है, वहां दोषी मुखिया और वार्ड सदस्य के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

सरकार का स्पष्ट तौर पर मानना है कि ग्राम पंचायत के मुखिया होने के नाते इस योजना के तहत उपलब्ध कराई गई. सरकारी राशि का ठीक तरीके से इस्तेमाल हो इसकी जिम्मेदारी उनकी है. इस राशि के इस्तेमाल से योजना का लाभ आम लोगों तक पहुंचे. यह सुनिश्चित करना भी मुखिया और वार्ड सदस्य की जिम्मेदारी है कि यदि वे इस पर ध्यान नहीं देते हैं और पेयजल आपूर्ति बाधित होती है तो ऐसी स्थिति में उन पर धारा 185 के तहत कार्यवाही की जाएगी.

बिहार में 1.14 लाखों वार्डों में योजना का क्रियान्वयन हो रहा है. वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंधन समिति की तरफ से राज्य के ग्रामीण इलाकों में 58000 वार्डों में नल जल योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है और लगभग 56000 वार्डों में पीएचईडी विभाग स्वयं काम करवा रहा है.

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