दुनिया में सभी लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचने में लगेंगे 5 साल, भारतीय कंपनी का दावा

दुनिया में सभी लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचने में लगेंगे 5 साल, भारतीय कंपनी का दावा

नई दिल्ली. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (CII) के CEO आदर पुनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा है कि 2024 से पहले कोविड-19 वैक्सीन दुनिया में सभी लोगों को नहीं मुहैया कराई जा सकेगी. फार्मा कंपनियां दुनिया की पूरी आबादी को कोरोना वायरस का टीका मुहैया कराने के लिए तेजी से अपनी उत्पादन क्षमता को नहीं बढ़ा रही हैं. उन्होंने फाइनेंशियल टाइम्स को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि दुनिया के हर व्यक्ति के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने में कम से कम 4-5 साल का वक्त लगेगा.

पुनावाला ने अनुमान के आधार पर कहा कि अगर एक व्यक्ति को कोरोना वायरस वैक्सीन के दो डोज़ दिये जाते हैं तो इसका मतलब है कि कम से कम 15 अरब डोज़ तैयार करने होंगे. ऐसे में कोविड-19 वैक्सीन के लिए ठीक वैसे ही पहल की जरूरत होगी, जैसे खसरे की वैक्सीन के लिए की गई थी.

उन्होंने भारत में वैक्सीन डिस्ट्रीब्युशन (COVID-19 Vaccine Distribution) को लेकर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यहां कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहद खस्ताहाल स्थिति में है. ऐसे में 1.4 अरब लोगों तक सुरक्षित तरीके से वैक्सीन पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती होगी.

सीरम इंस्टीट्यूट पारिवारिक कारोबार है. दुनिया की 5 कंपनियों के साथ इसका करार है. इनमें एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स भी शामिल है. सीरम इंस्टीट्यूट ने इन कंपनियों के साथ मिलकर 1 अरब डोज़ बनाने और 50 फीसदी भारत में देने का वादा किया है. इस कंपनी ने रूस की Gamaleya Research Institute के साथ भी करार कर सकती है ताकि स्पूतनिक वैक्सीन (Sputnik Vaccine) का प्रोडक्शन शुरू कर सके.

कोरोनावायरस वैक्सीन के प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन पर पूनावाला का बयान काफी अहम हो जाता है क्योंकि डेवलपिंग देशों में वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हिस्सा सीरम इंस्टीट्यूट के पास है. पूनावाला ने कहा, “प्रोडक्शन के मामले में दुनिया इस मामले में सकारात्मक खबर चाहती है लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसे हासिल करना मुमकिन है.” AstraZeneca के साथ डील के तहत सीरम इंस्टीट्यूट 68 देशों के लिए और Novavax के साथ वह 92 देशों के लिए वैक्सीन बना रही है.

आदर पूनावाल, साइरस पूनावाला के बेटे हैं जो भारत के सातवें सबसे बड़े रईस हैं. आदर पूनावाला ने कहा कि पिछले हफ्ते ट्रायल के दौरान एक कैंडिडेट के बीमार होने के बाद AstraZeneca ने ट्रायल रोक दिया था लेकिन अब यह ट्रायल दोबारा शुरू हो गया है.

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