नवादा से बिना ट्रेन बदले पटना पहुंचेंगे आप, ढाई घंटे का लगेगा समय, 100 किमी कम होगी दूरी

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PATNA : नवादा से सीधे पटना तक ट्रेन की सवारी करने का सपना संजोए लाखों जिलेवासियों का सपना अगले एक- दो सालों में पूरा होने वाला है। नवादा से बिहारशरीफ के बीच रेलखंड निर्माण के लिए सर्वेक्षण और डीपीआर का काम पूरा हो जाने से यह उम्मीद बढ़ गई है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल से नवादा -बिहारशरीफ रेलखंड का निर्माण शुरू हो जाएगा। दानापुर रेलमंडल द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार नवादा से बिहार शरीफ तक रेललाइन बिछाने के लिए करीब 10 अरब रुपए खर्च किए जाएंगे। करीब 9 अरब 98 करोड़ 39 लाख की लागत कि इस परियोजना से नवादा और बिहारशरीफ के बीच साढ़े 31 किलोमीटर रेललाइन बिछेगी। रेलखंड निर्माण हो जाने के बाद नवादा सूबे की राजधानी पटना से सीधे ट्रेन लाइन से जुड़ जाएगा। अभी नवादा से ट्रेन के माध्यम से पटना जाने के लिए किऊल होकर जाना पड़ता है और करीब 205 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। नवादा से बिहारशरीफ के बीच रेललाइन बन जाने के बाद यह दूरी आधी हो जाएगी और नवादा से पटना जाने के लिए महज 110 किलोमीटर का सफर रह जाएगा। कई दशकों से नवादा बिहार शरीफ के बीच रेल लाइन बिछाने की मांग की जा रही है। अब यह मांग पूरी होती दिख रही है।

31 किलोमीटर रेललाइन बिछेगी नवादा और बिहारशरीफ के बीच
61 छोटे और पांच बड़े पुल भी बनाए जाएंगे नदी नाले को पाटने के लिए
8 आरोबी क्रॉसिंग और 14 अंडरपास बनाए जाएंगे सड़कों को पार करने के लिए
110 किमी की दूरी ढाई घंटे में तय

पटना से नवादा तक डायरेक्ट रेल कनेक्टिविटी होने के बाद नवादा के आमजन पटना के और करीब हो जाएंगे। नवादा से बिहारशरीफ तक करीब 31 किलोमीटर और बिहारशरीफ से पटना तक 79 किलोमीटर यानी कुल 110 किलोमीटर की दूरी ट्रेन से दो से ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी। पिछले कई लोकसभा चुनावों में हर बार नवादा में रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने की मांग प्रमुखता से उठती थी। पहला केजी रेलखंड का दोहरीकरण व विद्युतीकरण, दूसरा नवादा से दिल्ली तक एक्सप्रेस ट्रेन और तीसरा नवादा से पावापुरी या बिहारशरीफ तक नई रेलखंड का निर्माण कराना। पिछले साल केजी रेल लाइन के विद्युतीकरण और नवादा से दिल्ली की ट्रेन की मांग पूरी हो गई और रेलखंड दोहरीकरण का काम तेजी से हो रहा है। अब बिहारशरीफ तक रेल लाइन निर्माण की मांग पर भी अच्छे संकेत मिल रहे हैं। नवादा और बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन के बीच चार ठहराव स्थल को चिह्नित किया गया है। नवादा के बाद सामाय और आदमपुर गांव में स्टेशन बनाया जाएगा। नालंदा जिले की सीमा में नानंद और पावापुरी में स्टेशन होगा। इस दौरान कई नदी नाले को पाटने के लिए 61 छोटे और पांच बड़े पुल भी बनाए जाएंगे। रास्ते में पढ़ने वाली सड़कों को पार करने के लिए 8 आरोबी क्रॉसिंग और 14 अंडरपास बनाए जाएंगे ताकि मुख्य और ग्रामीण सड़कों में आवाजाही बाधित नहीं हो।

बता दें कि क्यूल गया रेलखंड के दोहरीकरण और मेमो परिचालन का उद्घाटन करने आए रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने तत्कालीन सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, विधायक अनिल सिंह व जनसमूह की मांग पर बिहारशरीफ से नवादा तक रेललाइन बिछाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद मौजूद सांसद चंदन सिंह ने भी रेलमंत्री से मिलकर रेलखंड निर्माण की मांग की थी। मंत्रालय से मिले निर्देश के मुताबिक नवादा से बिहारशरीफ तक रेललाइन बिछाने के लिए कई महीनों तक सर्वेक्षण कार्य किया गया। सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार होने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे जोन ने प्रस्तावित रेलखंड का सर्वेक्षण रिपोर्ट और अनुमानित लागत का डीपीआर मंत्रालय को भेज दिया है।

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