पिता गली-गली घूमकर इडली बेचते हैं और बेटी ने 12वीं क्लास में किया स्टेट टॉप, 1000 में 992 नंबर

New Delhi : किस्मत ने उसे जीवन में संघर्ष के रूप में ग़रीबी दी, लेकिन उसने अपने हौसले से उस गरीबी को भी अपनी शिक्षा के ज़रिये धूल चटाने का दिया। ठेले पर इडली बेचने वाले मां-बाप की संतान कल्याणी कती ने 12वीं की परीक्षा में साइंस स्ट्रीम से टॉप किया है. उसे 1,000 में से 992 नंबर मिले हैं। तेलंगाना के कागजांगर की कल्याणी के पेरेंट्स इडली बेचते हैं। वह गलियों में जाकर इडली बेचकर ही घर चलाते हैं। कल्याणी शुरू से पढ़ाई में बहुत तेज़ थी।

परिवार की ऐसी आर्थिक स्थिति नहीं थी कि वो इस बच्ची की शिक्षा का खर्च उठा सके, जिसके बाद मेधा चैरिटेबल ट्रस्ट नाम की एक संस्था ने कल्याणी की शिक्षा का भार संभाला। इस उपलब्धि पर कल्याणी ने कहा- मेरे माता-पिता नाश्ता बेचने के लिए कोई गाड़ी भी नहीं खरीदी। वो इसे खरीद ही नहीं सकते। वे मेरे और मेरी बड़ी बहन के लिए एक बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए कठिनाइयों को सहन कर रहे हैं। मेरे माता-पिता के संघर्ष और गरीबी ने मुझे शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। मैं सिविल सर्विस में जाना चाहती हूं।

कल्याणी ने अपने टीचर्स और ट्रस्ट को भी अपनी सफलता का श्रेय दिया। फिलहाल, कल्याणी अब IIT के एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करना चाहती हैं। वह सिविल सर्विसेज में जाने से पहले अपना ध्यान इस में इंजीनियरिंग कोर्स पर लगाना चाहती हैं। कल्याणी ने दसवीं कक्षा में 9.7 जीपीए हासिल किया।

इसके बाद उन्होंने एक लिखित परीक्षा में पास की और ट्रस्ट द्वारा उन्हें स्पॉन्सर करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। कल्याणी की बहन भावना भी NEET की तैयारी कर रही हैं। कल्याणी के पिता शेषगिरी और मां अनीता अपनी बच्ची की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा- कल्याणी ने हमारे परिवार को मान्यता दिलवाई है और अब लोग हमे उसके नाम से पहचान रहे हैं।

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