बिहार के शहरों में एक और बायपास बनाने की योजना पर काम शुरू

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बिहार के विभिन्न जिलों में अतिरिक्त बायपास सड़क बनाने की योजना पर पथ निर्माण विभाग में काम शुरू कर दिया है। जिलों से आए प्रस्तावों की समीक्षा शुरू कर दी गई है। विभाग की कोशिश है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष से ही निर्माण शुरू हो जाये।

बीते दिनों मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग के एक कार्यक्रम में जिलों में अतिरिक्त बायपास बनाने का निर्देश दिया था। उसी के आलोक में पथ निर्माण ने जिलों से सुझाव मांगे थे। अब तक 2 दर्जन जिलों से सुझाव आ चुके हैं। मॉनिटरिंग सेल ने इस पर काम शुरू कर दिया है। विभाग इन बायपास का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण कराएगा। जिन जिलों में इसे बनाने में सबसे कम जमीन की आवश्यकता होगी वहां काम पहले शुरू होगा।

अधिकारियों के अनुसार बिहार में आसन्न विधानसभा चुनाव के आलोक में इस पर तेजी से काम किया जाएगा। योजना के लिए जो भी कागजी कारवाई की आवश्यकता है, उसे जल्द पूरा किया जाएगा। चुनाव के दौरान कागजी प्रक्रिया पूरी होने पर सरकार गठन होते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। डीपीआर और फिर टेंडर की कार्रवाई शुरू की जाएगी। मार्च 21 तक हर हाल में निर्माण शुरू हो जाएगा।

31 में है बायपास
बिहार के 31 जिलों में बायपास या तो है या बन रहा है। विभाग जरूरत के अनुसार उन जिलों में बायपास बनाने की दिशा में काम कर रहा है जहां जाम की समस्या अधिक है। पहले से बायपास होने पर भी विभाग वहां नई सड़क बनाएगा।

प्रखंड मुख्यालय 2 लेन से सड़क से जोड़े जा रहे
बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालय दो लेन सड़क से जोड़े जा रहे हैं। इसके तहत सड़कों की चौड़ाई कम से कम 10 मीटर होगी। अभी बिहार के 349 प्रखंडों को दो लेन सड़कों से जोड़ा जा चुका है।

जिला मुख्यालय 4 लेन सड़क से जुड़ेगा
बिहार के 38 जिले में से 19 जिला मुख्यालय 4 फोरलेन से जुड़े हैं। 9 और जिलों में इस योजना पर काम चल रहा है, जबकि बाकी 10 जिलों को फोरलेन मुख्यालय से जोड़ने की योजना तैयार कर ली गई है।

सफर होगा आसान
बिहार के किसी भी कोने से लोग 5 घंटे में पटना आ सकें, विभाग इस पर काम कर रहा है। इसके लिए सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ाई जा रही है। सरकार की सोच है कि 4 लेन, 2 लेन औऱ बायपास की योजनाओं से बिहार में यातायात सुगम होगा। लोग कम समय में अपना काम कर कहीं से पटना से घर वापस जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि किसी भी कोने से छह घंटे में पटना आने का लक्ष्य विभाग ने पहले ही प्राप्त कर लिया है।

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