भगवान शिव का तिलकोत्सव कल, बाबा वैद्यनाथ मंदिर पहुंचे बिहार के मिथिला क्षेत्र से तिलकहरुवे

शिव और शक्ति के मिलन का उत्सव महाशिवरात्रि 11 मार्च को है। जबकि 16 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन तिलकोत्सव होगा। यही कारण है कि बाबा वैद्यनाथ को तिलक लगाने के लिए मिथिलांचल से बड़ी संख्या में माता पार्वती के भाई-बंधु (श्रद्धालु) तिलकहरुवे के रूप में पहुंचने लगे हैं। पूरा मंदिर परिसर तिलकहरुओं से पट गया है। रविवार को भक्तों की कतार मानसरोवर से जलसार पार्क तक पहुंच गई। भक्तों को कतारबद्ध तरीके से जलार्पण कराया गया। मिथिलांचल से पहुंचे श्रद्धालु यहां लगने वाले सबसे प्राचीन वसंत पंचमी मेले में शामिल होंगे। मंगलवार को तिलक चढ़ाने के बाद एक-दूसरे को अबीर लगाकर होली पर्व की शुरुआत करेंगे। इसी दिन से मिथिलांचल में होली शुरू हो जाती है।

कोरोना काल का यह पहला मेला
कोरोना संक्रमण के 10 माह बाद यह पहला मौका है कि बाबाधाम में मेला लग रहा है। रविवार से बंद की जा चुकी शीघ्र दर्शन की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई। स्पर्श पूजा पहले ही शुरू की जा चुकी है।

बसंत पंचमी मेला को लेकर बाबाधाम पहुंचे मिथिलांचलवासी।
मिथिलांचल के लाेग माता पार्वती को अपनी बहन मानते हैं और इस रिश्ते से खुद को भगवान शिव का साला मानते हुए हर साल वसंत पंचमी के दिन तिलक करने पहुंचते हैं। लोग कांवर के साथ बाबा वैद्यनाथ का गुणगान करते पहुंचते हैं। यहां वे 4 दिन होटल या धर्मशाला में नहीं, बल्कि खुले आसमान के नीचे डेरा जमाते हैं। सरकारी स्कूलों के मैदान इनके लिए खुले रहते हैं। वहीं वे भजन-कीर्तन करते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *