मंदिर के तालाब में रहता है ये अनोखा मगरमच्छ, खाता है सिर्फ मंदिर में बना गुड-चावल का प्रसाद

This unique crocodile lives in the temple pond, eats only offerings of good rice made in the temple : कुदरत कब कौनसा खेल दिखा दे कोई नहीं जानता। कभी-कभी ऐसी चीजें देखने को मिल जाती हैं, जिसपर आप यकीन नहीं कर सकते। एक पुरानी कहावत है कि शेर कभी घास नहीं खा सकता, यानि मांसाहारी जीव मांस के अलावा कुछ नहीं खा सकता। लेकिन अगर किसी जीव को प्रकृति ने मांसाहारी बनाया हो और बावजूद इसके वो पूरी तरह शाकाहारी हो तो यकीन करना थोड़ा मुश्किल है।

इसी मंदिर में पिछले 60 सालों से रह रहा है ये मगरमच्छ : लेकिन ऐसा ही कुछ नजारा दक्षिण भारत के केरल राज्य में देखा जा सकता है। केरल के अनंतपुरा लेक टेंपल में रहने वाला मगरमच्छ पूरी तरह शाकाहारी है। यहां तक कि मंदिर के जिस तालाब में ये मगरमच्छ रहता है, वहां रहने वाली सैकड़ों मछलियों को भी उसने कभी कोई नुक्सान पहुंचाया। अनंतपुरा लेक मंदिर में रहने वाला बबिया स्वभाव से बेहद शांत है और उसे खाने में सिर्फ मंदिर का प्रसाद पसंद है। बबिया के वेजिटेरियन होने की वजह से इस लेक में रहने वाली मछलियों को भी कोई टेंशन नहीं है।

इससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात है कि बबिया के खाने का टाइम भी फिक्स है। दोपहर की पूजा के बाद बबिया चावल और गुड़ का बना प्रसाद खाता है। इस मामले में मंदिर प्रशासन का कहना है कि पिछले 150 सालों से इस तालाब में मगरमच्छ दिख रहे हैं, मगर एक बार में सिर्फ एक ही मगरमच्छ दिखाई देता है। हैरानी इस बात की भी है कि अपने नियत समय पर बबिया तालाब से बाहर आ जाता है और पुजारी के हाथ से खाना खाता है।

 

एक मगरमच्छ के मरने पर दूसरा अपने आप ही आ जाता है। किसी को ये बात नहीं पता कि ये मगरमच्छ कहां से आ जाते हैं, जबकि मंदिर के आसपास कोई नदी भी नहीं है। बताया जा रहा है कि बबिया पिछले 60 सालों से इस मंदिर की पहरेदारी कर रहा है। जब जीव का शिकार करने वाली प्रजाति शुद्ध-शाकाहारी दिखे तो आप क्या कह सकते हैं सिवाय इसके कि ये कुदरत का करिश्मा है। टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर चैनल हिस्ट्री टीवी 18 ने बकायदा बाबिया के शाकाहारी होने का प्रमाण अपने एक शो में दिया था।

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