मंदिर में जबरन घुस कर फसाद करना चाहते थे दंगाई, मुस्लिम युवकों ने चेन बनाकर बदमाशों को रोका

कल बेंगलुरु में दंगा भड़क गया था. जिस विधायक के घर के सामने तोडफोड़ हो रही थी, उसी के पास एक हनुमान मंदिर है. हिंसक भीड़ ने मंदिर को निशाना बनाने की कोशिश की. इसी बीच कई मुस्लिम युवकों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा और चेन बनाकर मंदिर के सामने खड़े हो गए और भीड़ से कहा कि ‘अल्लाह के वास्ते ऐसा ना करें.’ उन्होंने मंदिर को नुकसान होने से बचा लिया.

‘अल्लाह के वास्ते ऐसा ना करें.’ ये अपील हमेशा उस हिंसा से ज्यादा ताकतवर है जो शहर जला देने के लिए भड़कती है. जो बचाते हैं वे मनुष्य हैं. जो जलाते हैं वे मनुष्य रूप में वहशी हैं. किसी ​धर्म पर दूसरे धर्म से कोई खतरा नहीं है, हर धर्म को अपने ऐसे बात-बात पर भड़कने वाले व​हशियों से खतरा है.

आज हम जलाने वालों का साथ भले दे दें, लेकिन जलाने वाले हमेशा मानवता पर बदनुमा दाग की तरह होते हैं. पानी डालने वाले ही असली बहादुर होते हैं.

अपने ही देश में, अपने ही समाज के लोगों के प्रति हिंसा कायरता है. अपने समाज को आग में झोंकने से बड़ा अधर्म दूसरा नहीं है.

बस्तियां जलाने वालों ने हमेशा विनाश किया है. पानी डालने वालों ने हमेशा इं​सानियत की रक्षा की है. इन नवजवानों को मेरा सलाम पहुंचे.

कृष्णकांत

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