नाबालिग को जबरन चूमने के जुर्म में 30 वर्षीय अब्दुल लोहार को मिली 5 साल की सजा

दोषी की उम्र 30 वर्ष है. दोषी का नाम अब्दुल रहमान महबूब लोहार है. उसे आर्थर रोड जेल में रखा गया है. कोर्ट में दोषी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई, फिर बुधवार को कोर्ट ने उसे 5 साल की कैद की सजा सुनाई.

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक अंटोप हिल स्लम में रहने वाले एक शख्स ने 29 जून 2018 को शख्स के खिलाफ शिकायत की. 8 वर्षीय पीड़िता के पिता की ओर से दर्ज कराए गए बयान के मुताबिक इसी दिन शाम को वह शख्स अपने काम से लौट रहा था तभी उसे उसकी बहन ने फोन किया और एक घटना के बारे में जानकारी दी. वह अपने घर की ओर पूरे मामले को जांचने के लिए भागा. उसकी पत्नी और बेटी ने यह बताया कि क्या हुआ.

घटना की रिपोर्ट के मुताबिक शख्स की छोटी बेटियां स्लम स्थित कॉमन वॉशरूम का इस्तेमाल करने गईं. वहां करीब 10 बाथरूम एक ही रो में हैं. इलाके में रहने वाले लोग इनका इस्तेमाल करते हैं. जब लड़कियां वॉशरूम पहुंचा उन्होंने देखा कि वहां लाइट नहीं है.

इसलिए बड़ी बेटी ने अपने छोटी बहन को मोबाइल लाने के लिए भेजा जिससे टॉर्च की व्यवस्था हो सके. छोटी लड़की ने वैसे ही किया जिसका निर्देश बड़ी बहन ने दिया. तभी जब बच्ची मोबाइल लेकर लौट रही थी उसका पड़ोसी जो अंधेरे में टॉयलेट के पास खड़ा था उसने बच्ची को पकड़ लिया और होंठ पर चूम लिया. बच्ची किसी तरह से रोते हुए भागने में कामयाब हो गई. उसने इस घटना के बारे में अपनी बड़ी बहन को सूचना दी. लड़कियां अपने घरों की ओर भागी और परिवार को इस हरकत के बारे में सूचना दी.

परिवार तत्काल पड़ोसी के घर पहुंचा जहां केवल शख्स की पत्नी ही नजर आई. फिर परिवार पुलिस स्टेशन की ओर भागा और केस दर्ज कराया. लड़की की मेडिकल जांच भी हुई.

इस केस की बहस जब शुरू हुई तो आरोपी के वकील ने कहा कि इन आरोपों के पीछे पड़ोसी परिवार की मंशा खराब है. लड़की अंधेरे की वजह से आरोपी को नहीं पहचान सकी.

सरकारी वकील गीता शर्मा ने बहस के दौरान कहा कि लड़की के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है. पीड़ित आरोपी से अधिक सहन करती है जब पीड़िता पर आरोप लगाया जाता है कि यह घटना गलत है.

8 वर्षीय बच्ची ने कोर्ट में दोषी को पहचाना भी था. पीड़िता के वकील ने कहा, ‘वह लगातार पुलिस, डॉक्टर और मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दे रही थी. ट्रायल कोर्ट में भी यही प्रक्रिया दोहराई गई. एक बच्ची को किसी पर झूठे आरोप लगाने का कोई कारण नहीं है.’

स्पेशल कोर्ट ने पीड़िता को 5,000 हजार रुपये मुआवजे की राशी भी दी. कोर्ट ने आरोपी को 5 साल की सजा भी सुनाई.

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