माराडोना का निधन : नहीं रहे मशहूर फ़ुटबॉलर डिएगो माराडोना, 60 साल की उम्र में निधन

माराडोना का निधन : नहीं रहे मशहूर फ़ुटबॉलर डिएगो माराडोना, 60 साल की उम्र में निधन

फ़ुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में शुमार अर्जेंटीना के मशहूर फ़ुटबॉलर रहे डिएगो माराडोना का 60 साल की उम्र में कार्डिएक अरेस्ट के कारण निधन हो गया है.इसी महीने की शुरुआत में दिमाग़ में क्लॉटिंग के लिए उनका ऑपरेशन हुआ था. यह ऑपरेशन सफल रहा था.

मेरोडोना के साथ मेरा रोना…

दिन था 8 जुलाई 1990 अवसर था.. वर्ल्डकप फायनल मैच..
अर्जेंटीना vs जर्मनी.. आधी रात हो चुकी थी मैच बराबर पर था मेरोडोना को 5-5 खिलाड़ियों के द्वारा चेक किया जा रहा था लेकिन मेरोडोना फिर भी गिरते पड़ते बाल पर कंट्रोल ले रहे थे फिर अचानक से रेफरी ने एक पेनल्टी दी और मैच औऱ कप दोनो अर्जेंटीना के हाथ से निकल गया…

मेरे फुटबॉल को देखने और खेलने की बस एक वजह थी वो थे डिएगो मेरोडोना..छोटी कद काठी का वो व्यक्ति मुझे तेंदुलकर जैसे लगता था और वो ही 10 नंबर की जर्सी पहनकर जब वो फुटबॉल खेलता था तो ऐसा लगता था कि कोई जादूगर अपने करतब से मैच औऱ दिल दोनो जीत रहा हो..

जब अर्जेंनटीना वो मैच हारा तो ऐसा लगा कि भारत क्रिकेट का वर्ल्डकप हार गया हो पूरे टूर्नामेंट में अर्जेंटीना ने केवल मेरोडोना के कुशल नेतृत्व की वजह से ही फायनल में जगह बनाई थी मेरोडोना दिलोजान से इस कप को जीतने में लगें थे मैच हारने के बाद वो फुट फुट कर रोने लगे औऱ उनके साथ उनका वो हर फेन रो रहा था जो इस फुटबॉल के जादूगर को दिलोजान से चाहता था और उनमें से एक मैं भी था

उस रात को मुझे नींद नही आई ऐसा लगा कि किसी बच्चे से उसका सबसे प्यारा खिलौना छीन गया हो आज भी ठीक ऐसा ही लग रहा है आज मेरोडोना नही गए है आज उनके साथ एक पूरा युग चला गया है हैंड ऑफ गॉड आज वाकई गॉड के पास पहुँच गया है

आज विश्व का एक एक कोना मेरोडोना बोल कर उन्हें इसलिए याद कर रहा है क्योकि एक गरीब बस्ती से उठकर उन्होंने अपने आप को फुटबॉल से भी ऊपर बना दिया था उनकी लार्जर देन लाइफ की थ्योरी ने फुटबॉल को हर गरीब और कमजोर का गेम बना दिया था

खिलाड़ी हो तो तेरे जैसे ही होना..खूब याद आओगे मैराडोना

अपूर्व भारद्वाज

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