लद्दाख में शहीद जवान का राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार, CM बोले-शहादत को याद रखेगा देश

PATNA- लद्दाख में शहीद जवान को राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई, सीएम बोले-उनकी शहादत को याद रखेगा देश- लद्दाख में शहीद पालीगंज के परियाे गांव निवासी लांस नायक रामानुज यादव का पार्थिव शरीर रविवार काे पटना एयरपाेर्ट पहुंचा। यहां से शव उनके पैतृक गांव ले जाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सीएम नीतीश कुमार ने कहा-रामानुज की शहादत को पूरा देश याद रखेगा।

नम थीं हजारों आंखें, रामानुज अमर रहें व भारत माता की जय से गूंजा परियो गांव

लद्दाख में शहीद हुए पालीगंज के परियाे गांव निवासी लांस नायक रामानुज यादव का पार्थिव शरीर रविवार काे पटना एयरपाेर्ट पहुंचा। यहां से शव उनके पैतृक गांव ले जाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इससे पहले पटना एयरपोर्ट पर तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर काे स्टेट हैंगर लाया गया। सांसद रामकृपाल यादव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ, डीजीपी एसके सिंघल, डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों, ओबरा के विधायक ऋषि कुमार, पालीगंज के पूर्व विधायक दीनानाथ यादव समेत कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी। दानापुर कैंट के स्टेशन कमांडर ब्रिगेडयर आरके शर्मा, दानापुर कैंट के एडमिस्ट्रेशन कमांडर डीएस चौहान, मेजर कुणाल शर्मा और इग्नेस तिर्की ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी। वहां मौजूद दानापुर की सैन्य टुकड़ी ने बंदूक को उल्टा कर सलामी दी और बैंड ने शोक धुन बजाई। रामानुज यादव मराठा रेजिमेंट की 22वीं बटालियन में जम्मू-कश्मीर में पदस्थापित थे। 26 साल के रामानुज ने 2016 में याेगदान दिया था। एक माह पहले ही वे गांव अाए थे। बहन की डाेली सजाकर ड्यूटी पर लौटे थे। बीते शुक्रवार काे जब रामानुज समेत 26 जवान लद्दाख के तुकतुक सेक्टर में सरहद की रक्षा कर रहे थे, तब वाहन श्याेक नदी में गिर गया। इस हादसे में रामानुज समेत 7 जवान शहीद हाे गए थे। पटना एयरपाेर्ट पर रामानुज का पार्थिव शरीर लेने के लिए गांव से उनके चचेरे भाई संताेष कुमार के साथ ही करीब 100 लाेग अाए थे।

चिलचिलाती धूप में थे खड़े थे परियो गांव के हजारों लाेग : परियो गांव में शहीद रामानुज का पार्थिव शरीर लगभग तीन बजे लाया गया। गांव व उसके आसपास के लोग अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए चिलचिलाती धूप में भी हजाराें की संख्या में जुटे हुए थे। सबसे पहले गांव के बाहर लोगों के दर्शन के लिए कुछ समय के लिए रखा गया, जहां हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि दी। उसके बाद शव को उनके घर ले जाया गया। जहां माता-पिता समेत पूरा परिवार टकटकी लगाए था।

सड़क का नाम रामानुज पथ किए जाने की मांग : ग्रामीणों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर गांव की सड़क का नाम रामानुज पथ करने सहित पालीगंज चौराहे पर प्रतिमा लगवाने, गांव की मोड़ पर रामानुज यादव द्वार बनवाने की सरकार से मांग की है।

सेना की गाड़ी से पार्थिव शरीर गया गांव : रामानुज के पार्थिव शरीर को सेना के वाहन पर रखकर उनके पैतृक गांव परियाे ले जाया गया। दाह-संस्कार से पहले गार्ड अाॅफ अाॅनर देने के लिए पार्थिव शरीर के साथ सेना की एक टुकड़ी भी गई। गांव वाले वाहन के पीछे रामानुज अमर रहे का नारा लगा रहे थे।

पुनपुन के घाट पर अंतिम विदाई : परिवारवालों के दर्शन के बाद शव को चंदोस मठिया के पास पुनपुन नदी के घाट पर ले जाया गया। वहां विधि विधान और राजकीय सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, सांसद रामकृपाल यादव समेत कई लोग मौजूद थे।

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