‘लालू के श्याम’ कहे जाते थे रजक, CM नीतीश ने दो-दो बार बनाया मंत्री, JDU छोड़ कल दोबारा RJD में होंगे शामिल

लालू का साथ छोड़कर नीतीश के ‘करीब’ हुए थे श्याम रजक, कुछ ऐसा रहा है पॉलिटिकल करियर

पटना. बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले पार्टी छोड़ने और ज्वाइन करने का सिलसिला शुरू हो चुका है. इस कड़ी में पहला नाम नीतीश कुमार के कैबिनेट (Nitish Cabinet) मंत्री श्याम रजक (Shyam Rajak) का जुड़ रहा है, जिन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है. बिहार सरकार के मंत्री श्याम रजक अब न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं बल्कि पार्टी छोड़कर अपने पुराने घर यानी राष्ट्रीय जनता दल में भी शामिल हो रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक ‘लालू के श्याम’ नाम से चर्चित यह राजनेता सोमवार को ही पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेगा. इसको लेकर सारी तैयारियां पहले से ही पूरी कर ली गई हैं बिहार की राजनीति में श्याम रजक पिछले तीन दशक से एक चर्चित नाम है. बात चाहे लालू के दरबार की हो या फिर नीतीश के कैबिनेट की श्याम रजक हर जगह से चर्चित रहे हैं. श्याम रजक के जेडीयू छोड़ने की खबरें तो पहले से ही आ रही थी लेकिन इस बात की पुष्टि अब राजद द्वारा भी कर दी गई है कि पार्टी घर छोड़ने वाले रजक को फिर से अपनाने को तैयार हैं.

श्याम रजक बिहार में जेडीयू के लिए तुरुप का इक्का भी साबित होते थे यही कारण है कि वोटों के समीकरण को ध्यान में रखते हुए उनको नीतीश कुमार की सरकार में दो-दो बार मंत्री का पद मिला. लालू दरबार में भी श्याम की खासी पूछ थी और वो राबड़ी देवी की सरकार में भी पावरफुल यानी मंत्री थे. उनकी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राबड़ी मंत्रिमंडल में मंत्री रहे थे.

साल 2009 में लालू-राबड़ी से मोह भंग करने के बाद श्याम रजक उसी साल जेडीयू में शामिल हो गए थे लेकिन उप चुनाव में उनको हारना पड़ा. साल 2010 में वो फिर से जेडीयू के कोटे से विधायक बने और मंत्री बने लेकिन जब रजक 2015 में महागठबन्धन से विधायक बने और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था.

नीतीश कुमार जब राजद का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ आए तो एनडीए में वापस आने पर रजक को नीतीश कुमार ने फिर से मंत्री बनाया था. नीतीश ने उनको उद्योग मंत्रालय सौंपा था और पटना का खादी मॉल नीतीश सरकार में रजक के रहते हुए एक बड़ी उपलब्धि कहा जा रहा था. बिहार में विधानसभा के चुनाव दो महीने बाद होने हैं, ऐसे में ये कयास फिर से लगाए जा रहे हैं कि श्याम रजक चुनाव से पहले एक बार फिर से अपने पुराने घर यानी राजद का रूख करेंगे.

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