विकास दुबे एनकाउंटर केस मामले में योगी सरकार ने सुप्रीम कॉर्ट में दायर किया हलफनामा

विकास दुबे एनकाउंटर केस में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है. यूपी सरकार ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए आयोग का गठन किया जा चुका है. विकास दुबे एक ‘खूंखार गैंगस्टर’ था, जिसने आठ पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या की थी.

एनकाउंटर को लेकर लोगों में कई तरह की गलत धारणा है.अपने हलफनामे में योगी सरकार ने कहा कि बारिश और तेज गति के कारण वाहन पलट गया था. वाहन में सवार पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. विकास दुबे ने घायल कर्मियों में से एक से पिस्तौल छीन ली.

उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया और पुलिस पर गोलीबारी की.

गौरतलब है कि विकास दुबे के एनकाउंटर पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनकाउंटर मामले में जांच के लिए हम समिति गठित करने पर विचार कर रहे है. इसके साथ ही कोर्ट ने मुठभेड़ की सीबीआई या एसआईटी जांच कराने की याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया था. कोर्ट ने यूपी सरकार से गुरुवार तक जवाब मांगा था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हैदराबाद मामले में जिस तरह से कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच का आदेश दिया था, उसी तर्ज पर हम इस मामले में भी सोच रहे हैं. इस साल की शुरुआत में हैदराबाद एनकाउंटर मामले में अपने आदेश का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कुछ कर सकते हैं, जैसे हमने वहां किया.

इस मामले में मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय और वकील अनूप अवस्थी ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की गई है. हालांकि याचिका मुठभेड़ से पहले देर रात दायर की गई थी, जिसमें विकास दुबे का भी एनकाउंटर किए जाने की आशंका जाहिर की गई थी. मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.

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