‘संविधान की मूल पांडुलिपि में श्री राम का चित्र मौजूद’, पत्रकार के ट्वीट पर असदुद्दीन ओवैसी ने दिया बेहतरीन जवाब

अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में शिरकत करेंगे। नरेंद्र मोदी का बतौर देश के पीएम अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन में जाने वाली बात पर AIMIM पार्टी के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है। असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री का कोई भी धर्म नहीं होता है।

इसी बात को लेकर एक वरिष्ठ पत्रकार ने ट्वीट कर कहा कि संविधान की मूल पांडुलिपि में श्री राम का चित्र मौजूद। तो पीएम मोदी के अयोध्या जाने में क्या दिक्कत है। जिसका असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर जवाब दिया है।

NDTV के वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने ट्वीट किया, ”अयोध्या में श्री राम मंदिर के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का भूमि पूजन करना संविधान की शपथ का उल्लंघन होगा:असदुद्दीन ओवैसी। इसी संविधान की मूल पांडुलिपि में नंदलाल बोस का बनाया श्री राम का यह चित्र मौजूद है जिसमें लंका विजय के बाद वे लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या वापस आ रहे हैं।”

अखिलेश शर्मा ने अपने इस ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी को टैग भी किया था। इस ट्वीट पर असदुद्दीन ओवैसी ने जवाब दिया, ‘उसी (संविधान) प्रति में टीपू सुल्तान, गांधी जी, अकबर, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोबिंद सिंह और अन्य के चित्र भी हैं। यह हमारे संस्थापकों का बहुवाद है। संघ इस विविधता को खारिज करता है। जब सरकार का संवैधानिक प्रमुख इस विचारधारा को अपनाता है तो यह धर्मनिरपेक्षता का घोर उल्लंघन है।’

राम मंदिर को लेकर कांग्रेस पर भी असदुद्दीन ओवैसी ने साधा निशाना

राम मंदिर को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा बाबरी मस्जिद को गिराने में कांग्रेस भी संघ (RSS) और बीजेपी के साथ मिली हुई थी। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए असदुद्दीन ओवैसीने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन में कांग्रेस पार्टी गुपचुप तरीके से राष्ट्रीय स्वंय संघ (RSS) के साथ थी।

बुधवार (29 जुलाई) को किए अपने ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, हमें उन्हें (कांग्रेस) क्रेडिट (श्रेय) देना चाहिए…जो इसके असली हकदार हैं। आखिरकार राजीव गांधी ने ही तो बाबरी मस्जिद के ताले फिर से खुलवाए थे। बतौर प्रधानमंत्री पीवीएन राव (नरसिम्हा राव) ने अपनी देखरेख में इसे गिरवाया था। मस्जिद ध्वस्त करने के आंदोलन में कांग्रेस अंदर ही अंदर संघ परिवार से मिली हुई थी।’

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