समस्तीपुर के रोसड़ा से भाजपा के दो-दो उम्मीदवारों ने किया नॉमिनेशन, बड़ा सवाल असली कौन?

तीन नवंबर को होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के दूसरे चरण में समस्तीपुर जिले (Samastipur District) के 5 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव है. इसको लेकर नामांकन की आज (16 नवंबर) अंतिम तिथि है. जाहिर है सभी पार्टियों की ओर से प्रत्याशी नामांकन कर रहे हैं. इसी क्रम में रोसरा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से भाजपा (BJP) के एक और प्रत्याशी के द्वारा गुरुवार को कार्यालय स्थित नामांकन केंद्र पहुंचकर नॉमिनेशन किया गया. जिसके बाद लोगों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है.

दरअसल दुविधा इस बात को लेकर है कि मंगलवार को जिस वीरेंद्र पासवान (Virendra Paswan) के द्वारा दो दिन पहले सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं (BJP workers) की उपस्थिति में नामांकन दर्ज किया था वह असली हैं, या फिर क्या जो वीरेंद्र पासवान गुरुवार अपना नामांकन किए हैं, वे असली हैं?

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय चुनाव समिति की घोषणा के बाद समस्तीपुर भारतीय जनता पार्टी के जिला मंत्री वीरेंद्र पासवान ने पार्टी का सिंबल लेकर अपना नामांकन 14 अक्टूबर को किया था. समस्तीपुर भाजपा के जिला मंत्री और रोसरा के अधिकृत प्रत्याशी वीरेंद्र पासवान का कहना है कि फर्जी तरीके से सिंबल को हासिल कर लिया गया था जिस पर पार्टी कानूनी कार्रवाई करेगी. लेकिन, अब रोसरा अनुमंडल कार्यालय परिसर में उस समय असमंजस की स्थिति लोगों के सामने खड़ी हो गई कि क्या अब यह खबर आएगी एक और वीरेंद्र पासवान नाम का व्यक्ति भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने पहुंचे हैं.

गुरुवार को नामांकन करने पहुंचे भाजपा के कथित उम्मीदवार वीरेंद्र पासवान का कहना है कि उनको पार्टी के द्वारा एक 11 अक्टूबर को ही सिंबल दे दिया गया था. जिसको लेकर के उन्होंने नामांकन किया है. वहीं, 14 अक्टूबर को जिस प्रत्याशी के द्वारा भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया गया था उस के संदर्भ में पूछे जाने पर बताया कि इस विषय पर पार्टी का जो फैसला होगा वह मानेंगे. लेकिन दो-दो उम्मीदवार के सामने आने से क्षेत्र में एक तो यह चर्चा का विषय बना है वह सवाल उठता है कि दोनों में असली कौन है?

बता दें कि भाजपा उम्मीदवारों की सूची कई दिन पहले ही सोशल मीडिया पर सामने आ गई थी, लेकिन बीजेपी के ही एक वीरेंद्र पासवान ने पार्टी नेताओं को चकमा दे दिया. जिस वीरेंद्र पासवान पर चकमा देने का आरोप लगा है उनके बारे में बताया जा रहा है कि वह दरभंगा के रहने वाले हैं. असली उम्मीदवार और इनका नाम मिलता-जुलता है. ऐसे में दरभंगा वाले वीरेंद्र ने इसका फायदा उठा लिया और पार्टी मुख्यालय में सिंबल ले ली थी.सिंबल लेने के बाद वीरेंद्र पासवान ने उसमें अपने माता-पिता के नाम भर लिए और समर्थकों के साथ रोसड़ा अनुमंडल मुख्यालय में नामांकन दाखिल करने पहुंच गए. वहीं, असली वाले वीरेंद्र कुमार पासवान अपने समर्थकों के साथ बीजेपी ऑफिस में सिंबल लेने पहुंचे तो कहा गया कि आप ले गए. उसके बाद उनके होश उड़ गए.

फिर रोसड़ा में बीजेपी कार्यकर्ताओं को अनुमंडल कार्यालय भेजा गया जहां दरभंगा वाले वीरेंद्र कुमार पासवान नामांकन के लिए पहुंचे थे. कार्यकर्ताओं ने तुरंत इसकी जानकारी पटना में नेताओं को दी जिसके बाद उस सिंबल को रद्द किया गया. फिर असली वीरेंद्र कुमार पासवान को सिंबल दिया गया कि वह अब रोसड़ा सीट से नामांकन करेंगे. हालांकि पार्टी ने अभी दरभंगा वाले प्रत्याशी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

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