1 नंबर से मैट्रिक में फेल होने वाले राजीव को मिला BPSC में 45वां रैंक, बनेंगे DSP

कहते हैं अगर इंसान के हौसले बुलंद हो तो कोई भी बाधा या विफलता उसकी सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती. इसी कहावत को सच साबित कर दिखाया है मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के धनौर गांव के राजीव कुमार ने. इन्होंने बीपीएससी की परीक्षा में 45वां रैंक लाया है. 1999 में महज 1 नंबर से मैट्रिक की परीक्षा में फेल हुए राजीव ने पढ़ाई को चुनौती के रूप में लिया.

राजीव ने दूसरी बार में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की. उन्होंने 2002 में इंटर की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी से पास की. इसके बाद CISF के क्लर्क की परीक्षा में सफल हुए और भिलाई स्टील प्लांट में सीआईएसएफ की नौकरी करने लगे. 2009 में राजीव ने सेंट्रल एक्साइज में बतौर टैक्स असिस्टेंट के रूप में दूसरी नौकरी ज्वाइन की. वर्तमान में वह सेंट्रल एक्साइज में कस्टम सुपरिटेंडेंट पद पर तैनात हैं.

65वीं बीपीएससी की परीक्षा में 45वां रैंक लाकर राजीव कुमार ने फिर सफलता का कीर्तिमान रचा है. अब राजीव जल्द ही बिहार में डीएसपी बनेंगे और लोगों की सेवा करेंगे. राजीव अपने गांव के पहले युवक हैं, जिन्होंने बीपीएससी की परीक्षा पास की है. यही वजह है कि राजीव की इस सफलता से उनके परिवार के साथ-साथ उनके गांव के लोग भी खुश हैं. राजीव कुमार सिंह के पिता राम लक्ष्मण सिंह किसान हैं. राजीव की मैट्रिक तक की पढ़ाई गांव के ही धनौर हाई स्कूल में हुई है.

“मेरे बेटे की सफलता के पीछे कठिन संघर्ष है. आर्थिक तंगी के बाद भी मैंने बच्चों की पढ़ाई में कभी किसी तरह की कमी नहीं होने दी. एक नंबर से मैट्रिक की परीक्षा में फेल होने के बाद भी राजीव ने हिम्मत नहीं हारी. इंटर पास करते ही राजीव की नौकरी लग गई. इसके बाद परिवार को आर्थिक मदद मिलने लगी. राजीव ने पढ़ाई नहीं छोड़ी. उसे लगातार सफलता मिलती रही. आज काफी खुशी हो रही है कि मेरे जैसे साधारण किसान का बेटा डीएसपी बन गया.”- राम लक्ष्मण सिंह, राजीव के पिता

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