बिहार में 1500 करोड़ का होगा निवेश, लगेंगे 250 मेगावाट के 10 बिजलीघर, सस्ती होगी बिजली

बिहार में 250 मेगावाट के 10 सौर बिजलीघर लगेंगे। बिजलीघरों की संख्या बढ़ भी सकती है। बिजलीघरों के निर्माण पर 1500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। प्रदेश में पहली बार इतने व्यापक स्तर पर सौर बिजलीघर लगाने की योजना पर काम शुरू किया गया है। राज्य सरकार द्वारा पिछले दिनों इस परियोजना को हरी झंडी देने के बाद मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद ब्रेडा ने ‘इन्वेस्टमेंट मॉडल’ के आधार पर काम शुरू कर दिया है। अब मामला रेगुलेटरी कमीशन के पास है।

राज्य में पहली बार एक साथ इतने बड़े स्तर पर सौर बिजलीघर लगेंगे, जिसमें इतनी बिजली पैदा हो सकेगी। इस योजना में संबंधित कंपनी को अपने स्तर से जमीन लेनी है और खुद ही निवेश करना है। बिजलीघर लगाने की पूरी कार्ययोजना उसे अपने स्तर से बनानी होगी। राज्य सरकार इसमें उन्हें सिर्फ सुविधा उपलब्ध कराएगी और व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करेगी। बिजलीघर लगाने वाली कंपनी से पावर पर्चेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया जाएगा और रेगुलेटरी कमीशन द्वारा निर्धारित दर पर उनसे बिजली खरीदी जाएगी।

ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि बिहार ने अब सोलर पावर सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। हर क्षेत्र में सोलर बिजलीघर लगाने की योजना के तहत राज्य सरकार इन बिजलीघरों को शीघ्र बना लेना चाहती है। बिहार में सौर ऊर्जा की प्रचूर संभावना मौजूद है। प्रारंभिक स्तर पर इसके प्रयोग पूरी तरह सफल भी रहे हैं। देश की कई बड़ी कंपनियां बिहार में सौर बिजलीघर लगाने को इच्छुक भी हैं।

राज्य सरकार की 250 मेगावाट क्षमता के बिजलीघर लगाने की योजना में कई बिजलीघर बनेंगे। एक मेगावाट क्षमता के लिए न्यूनतम पांच एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ती है। लिहाजा पूरी योजना में 1250 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। इसे कई चरणों में बांटा जा सकता है। ऐसे में यहां जमीन की उपलब्धता के अनुसार बिजलीघर बनाए जाएंगे। संबंधित कंपनियां इच्छुक हुईं तो 7 से 10 बिजलीघर लगाए जा सकते हैं।

पूरी परियोजना में एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि दो हजार लोग अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पाएंगे। इसके अलावा कई और रोजगार के अवसर सृजित होंगे। स्थानीय स्तर पर भी आर्थिक गतिविधियों को विस्तार मिलेगा।

250 मेगावाट बिजली मिलने पर बिहार की बाजार पर निर्भरता कम होगी। इस समय बिहार 1000-1100 मेगावाट बिजली बाहर से खरीदता है। इसके लिए कीमत भी अपेक्षाकृत अधिक चुकानी पड़ती है। सौर बिजलीघरों से बिजली मिलने पर इतनी बिजली बाजार से कम खरीदनी पड़ेगी।

इन सौर ऊर्जा घरों से पैदा होने वाली बिजली के बेहद सस्ता होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि इनसे तीन से चार रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली उत्पादित होगी। इस समय बिहार बिजली कंपनी से 4.07 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदती है।

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