आज से 200 ट्रेन चलेंगी, बिना रिजर्वेशन किसी को सीट नहीं, जनरल में भी जितनी सीटें उतनी ही एंट्री

PATNA : भारतीय रेलवे की सोमवार से शुरू हो रही 200 विशेष ट्रेनों में करीब 1. 45 लाख यात्री ट्रेनों में यात्रा करेंगे। इनमें जन शताब्दी एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, सहित वह नियमित ट्रेनें शामिल हैं जो लॉकडाउन के पहले चलती थी। अब यह अनारक्षित कोचों के बगैर विशेष श्रेणी में चलेंगी। इन विशेष रेलगाड़ियों में सफर के लिए टिकट 120 दिन तक अग्रिम बुक करा सकेंगे। टिकट ऑनलाइन के अलावा चुुनिंदा स्टेशनों के काउंटर पर भी उपलब्ध है।

देश में 68 दिन के लॉकडाउन के बाद रेलवे 200 यात्री ट्रेनें एक जून से शुरू कर रहा है। इन ट्रेनों में बिना रिजर्वेशन कोई नहीं बैठ सकेगा। रिजर्व बोगियों में केवल कन्फर्म टिकिट वाले यात्री ही बैठ सकेंगे। वेटिंग टिकिट वालों की एंट्री नहीं हो सकेगी। जनरल बोगियों में भी सीटों की संख्या से ज्यादा लोगों को चढ़ने नहीं दिया जाएगा। यह बात रेल और वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को चर्चा करते हुए कही। पेश है उनसे की गई बातचीत के प्रमुख अंश…

लॉकडाउन के समय बड़ी संख्या में िनजी क्षेत्र में नौकरियां जा रही है? इस वर्ष रेलवे कितनी भर्ती करेगा? : अभी हमारी भर्ती की प्रक्रिया डायनामिक है। अभी टेस्ट, ट्रेनिंग आदि चल रहा है। लोग रिटायर होते हैं, वैसे ही भर्ती करेंगे। अभी रेलवे में कोई शॉर्टेज नहीं है। 1.5 लाख लोगों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

ट्रेनों की सामान्य स्थिति कब तक बहाल होगी? : जैसे-जैसे डिमांड बढ़ेगी, ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी और हम सामान्य स्थिति की ओर लौटेंगे। अभी भी जो 200 ट्रेन हम चला रहे हैं, वह पूरी तरह फुल नहीं हुई हैं। लोग जरूरी होने पर ही यात्रा कर रहे हैं। बाद में निजी ट्रेनें भी चलाएंगे।

15 जोड़ी राजधानी ट्रेन शुरू की गई हैं, उनमें डायनामिक फेयर लिया जा रहा है, ऐसा क्यों?
अधिकांश ट्रेन अभी भी फुल नहीं जा रही हैं। पुराने सिस्टम में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सिर्फ केटरिंग का चार्ज कम किया है। सब कुछ जाे पहले था उसी को बरकरार रखा है।

रेलवे सिर्फ कंफर्म टिकट के आइडिया पर जाएगा? : आपका सुझाव सोचने लायक है, अभी हमने इस दिशा में सोचा नहीं है। अभी हम श्रमिकों की सेवा में लगे हैं। देश के कोने-कोने तक सामान और श्रमिक पहुंचें यहीं प्राथमिकता है।

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर केरल, प. बंगाल और महाराष्ट्र ने भेदभाव के आरोप लगाए हैं, क्या कहेंगे? : मैं दावे से कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में किसी भी मंत्री ने, किसी भी राज्य सरकार के साथ कोई भी भेदभाव नहीं किया है। अभी तक राज्यों ने जितनी भी ट्रेन मांगी, हमने दी हैं। बल्कि समस्या उल्टी है। 250 ट्रेन ऐसी रहीं, जो राज्य सरकारों ने मांगी और फिर चल नहीं पाईं। महाराष्ट्र का आपने जिक्र किया तो मैं बता दूं कि 109 ट्रेनों को राज्य सरकार की रिक्वेस्ट पर हमने तैयार किया और फिर भी वो ट्रेन चला ही नहीं पाए। पश्चिम बंगाल तो ट्रेन लाने ही नहीं दे रहा था। यहां तक कि उसने श्रमिक ट्रेन को कोरोना एक्सप्रेस तक कह दिया। राज्य जितनी श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन मांगेंगे, हम देते रहेंगे। हम श्रमिकों की सेवा कर रहे हैं।

सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में काउंटर बुकिंग का भविष्य क्या होगा? : पहले हमने काउंटर बुकिंग शुरू नहीं की थी, आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही बुकिंग की सुविधा थी। फिर कई राज्यों की रिक्वेस्ट मिली कि हमारे यहां कई लोग जाना चाहते हैं और उनको इंटरनेट चलाना नहीं आता है।

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