300 रू में होगी कोरोना की जांच, भारत ने बनाया विश्व का सबसे सस्ता किट, IIT छात्रों ने किया कमाल

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने कोरोना केजांच की सस्ती किट बनाई है। आईसीएमआर की लैब से पुष्टि के बाद इसे मंजूरी भी मिल गईहै। यह किट देश में अब तक न केवल सस्ती है, बल्कि इससे बेहतर और सटीक परिणाम आएंगे।

कम कीमत खासियत : आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो.राम गोपाल राव ने बताया कि इस किट से एक टेस्ट की कीमत 300 रुपये होगी। यह किसी भी कमर्शियल किट से जल्दी काम करेगी। *हालांकि इसकी निश्चित समय सीमा क्या होगी यह अभी बताना मुश्किल है। तकनीक को आईसीएमआर की ओर से मंजूरी मिलने पर उन्होंने संस्थान के शोधार्थियों को बधाई दी और कहा कि हम कोरोना से जुड़े संस्थान में हो रहे अन्य शोध को भी जल्द ही सामने लाएंगे।

पहला शैक्षणिक संस्थान:आईआईटी दिल्ली स्थित कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (केएसबीएस) के शोधकर्ताओं ने इसे बनाया है। इस तरह की मंजूरी लेने वाला आईआईटी दिल्ली ऐसा पहला शैक्षणिक संस्थान है। ज्ञात हो कि भारत ने चीन से भी जांच किट मंगाई थी, लेकिन उसकी गुणवत्ता को लेकर कई सवाल खड़े हुए।

इस शोध से जुड़े प्रो.बिस्वजीत कुंडु कहते हैं कि हम किट की सटीक कीमत नहीं बता सकते हैं, क्योंकि अभी जो विदेशी किट उपलब्ध है, उससे प्रति टेस्ट का खर्च लगभग 4500 रुपये है। हमारी किट को जो कंपनी बनाएगी, वह इसकी लागत को लेकर कीमत तय करेगी। लेकिन, हमें उम्मीद है कि यदि हमारी किट का कोई कंपनी बड़े पैमाने पर उत्पादन करेगी तो इसकी कीमत काफी कम होगी।

प्रो.कुंडू ने बताया कि इस तकनीकी को पेटेंट करा लिया गया है। इसे आईआईटी दिल्ली के ही फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर ने पेटेंट किया है। आईआईटी दिल्ली के सभी पेटेंट यही करती है। हमारी एक किट से 30 से 50 टेस्ट किए जा सकते हैं। एक पूरी किट की कीमत 9 हजार से 15 हजार के बीच हो सकती है। कई कंपनियां इसमें रुचि दिखा रही हैं। प्रो. कुंडू ने बताया कि 9 अप्रैल को हमने इसे आईसीएमआर को दिया उसके बाद हमारी किट को मंजूरी मिली। इससे पहले भी किट को परीक्षण के लिए दिया था, लेकिन तब मंजूरी नहीं मिली थी।

आईआईटी दिल्ली कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (केएसबीएस) के प्रोफेसर और इस शोध से जुड़े प्रो.बिस्वजीत कुंडु ने बताया कि यह किट कोविड-19 को ही डिटेक्ट करेगी। इस किट से कोरोना संक्रमण जांच सटीक और जल्दी होगी। इसके लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

प्रो.कुंडू ने बताया कि इस किट के सस्ता होने का कारण यह है कि दूसरी किट में फ्लोरोसेंट केमिकल प्रयोग होता है, इसे विदेश से खरीदना पड़ता है। यह महंगी पड़ती है, लेकिन हमारी किट में फ्लोरोसेंट केमिकल का प्रयोग नहीं होता है। हम साइबरग्रीन केमिकल का प्रयोग कर रहे हैं। यह एक सस्ता केमिकल है।

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